बीकानेर,निडर इंडिया न्यूज।
हत्या के मामले में आज अपर सत्र न्यायाधीश संख्या 7 की पीठासीन अधिकारी रेणु सिंघला की अदालत ने की आरोपी को आजीवन कारावास और 60 हजार रुपए के आर्थिक दंड की सजा सुनाई है। यह राशि अदालत में जमा नहीं कराने पर आरोपी को अतिरिक्त कठोर कारावास भुगतना होगा। अभियोजक एडवोकेट जगदीश शर्मा के अनुसार आरोपी ने प्रेमिका के रिडमलसर निवासी पति छिनुराम के खेत में घुसकर धारधार हथियारों से उसकी हत्या की गई थी।
इस मामले में आदालत ने रिडमलसर निवासी विक्रम उर्फ सदासुख को दोषी मानते हुए आजीवन कारावास सहित साठ हजार रूपये अर्थदण्ड से दंडित किया हैं। यह अर्थदण्ड की राशि अदालत में जमा नहीं करवाने पर उसे डेढ वर्ष का अतिरिक्त कठोर कारावास भुगतना होगा। इस मामले के एक अन्य अभियुक्त मृतक छिनुराम की पत्नी राधा को संदेह का लाभ देकर दोषमुक्त कर दिया।
प्रकरण के अनुसार परिवादी जगाराम ने 19 मई 2019 को थाना पुलिस जेएनवीसी में रिपोर्ट दर्ज कराई कि उसका छोटा भाई छिनुराम निवासी जामसर के दाउदसर गांव का हैं, जो मोहम्मद सलीम सोढा के खेत नैणों का बास सच्चा सौदा डेरा के पास रिडमलसर में चौकीदारी था और देखभाल करता था, खेत में बनी ढाणी में अपनी पत्नी राधा व बच्चों के साथ रहता था। राधा का पीहर गांव रिडमलसर में ही हैं। राधा के पीहर के पास ही आरोपी का घर था बताया जा रहा है कि आरोपी एवं राधा के आपस में अनैतिक संबंध थे। आरोपी कई बार राधा के खेत व ढाणी में आता जाता था जिसके बारे में छिनुराम व उसके परिवारजनों व राधा के पिता ने भी विक्रम और राधा को समझाया कि यह गलत काम छोड़ दे। विक्रम को भी ढाणी मेंआने से मना किया, लेकिन वह दोनों नहीं माने और धमकी दी कि उन्हे रोकने की हिम्मत की तो जान से हाथ धोना पडेगा।
छिनुराम को आरोपी ने जान से मारने की धमकी दी थी, इसके बाद छिनुराम ने अपने परिवारजनों व गांव के गणमान्य लोगों को बताया कि 18 मई 2019 की दोपहर उसके भाई लक्षमण राम ने छिनुराम को फोन किया लेकिन फोन किसी ने नहीं उठाया तब उस वक्त वे बीकानेर आये हुए थे, तब परिवादी व मगाराम दोनों रिडमलसर होते हुए छिनुराम जिस खेत की रखवाली कर रहा था। वहां पहुंचे तब खेत के पास देखा कि आरोपी खेत से निकलकर भाग रहा था जिसके हाथ में गुप्तीनुमा हथियार था तब वे दोडकर ढाणी में गये तो,वहां छिनुराम खून से लतपथ पड़ा था। उसके गले में जगह-जगह चोटे थी, वह चेहरे व सिर पर चोटे लगी हुई थी, तब उन्होंने विक्रम को पकड़ने के लिए उसका पिछा किया लेकिन वह भाग गया। उन्होंने छिनुराम को संभाला तब तक उसकी मृत्यु हो चुकी थी। राधा का पता किया तो वो भी गायब थी जिस पर उन्होंने गांव दाउदसर व राधा के पीहर सूचना दी।
शाम तक सभी लोग आ गए जिस पर पडोसियों ने पुलिस को बुलाया, छिनुराम को अस्पताल लेकर गए और शव को मोर्चरी में रख दिया। उसके भाई छिनुराम को आरोपी ने खतरनाक हथियार से हत्या कर दी। अभियोजन पक्ष की ओर से 14 गवाहों के बयान अदालत में करवाए गए। अदालत ने आदेश में यह भी कहा कि आरोपी की ओर से जमा करवाई गई। अर्थदण्ड की राशि 60000 रुपए बाद गुजरने, मियाद मृतक के बच्चों को बतौर क्षतिपूर्ति दी जावें। इसके अलावा पीड़ित प्रतिकर स्कीम के तहत जिला विधिक सेवा प्राधिकरण से क्षतिपूर्ति राशि मृतक के बच्चों को दिए जाने की अनुशंसा की। राज्य सरकार की ओर से पैरवी अपर लोक अभियोजक एडवोकेट जगदीश शर्मा ने की।