अनदेखी : गिरने के पर कगार पर है पब्लिक पार्क का हेरिटेज गेट, नहीं ले रहा प्रशासन सुध, जागरुक नागरिक ने उठाई आवाज, दुरुस्त कराने की कही बात - Nidar India

अनदेखी : गिरने के पर कगार पर है पब्लिक पार्क का हेरिटेज गेट, नहीं ले रहा प्रशासन सुध, जागरुक नागरिक ने उठाई आवाज, दुरुस्त कराने की कही बात

बीकानेर, निडर इंडिया न्यूज। 

ऐतिहासिक धरोवर में शुमार पब्लिक पार्क आज दुर्दशा का शिकार है। प्रशासन की उदासीनता के चलते पार्क का मुख्य प्रवेश द्वार आज क्षतिग्रस्त पड़ा है। इस दरवाजे का एक हिस्सा पूरी तरह से हवा में लटक रहा है। यह कभी भी गिर सकता है, इससे हादसा होने की आशंका है। रोजाना इस दरवाजे से होकर प्रशासनिक अफसर भी गुजरते हैं। इसके बावजूद किसी ने इसको दुरुस्त कराने की जहमत नहीं उठाई है। यह मुख्य प्रवेशद्वार एक अर्से से झूल ही रहा है।

जागरुक नागरिक ने उठाई आवाज

शहर के जागरुक नागरिक और सामाजिक कार्यकर्ता चोरुलाल सुथार ने इस संबंध में आवाज उठाई है। सुथार ने एक पत्र संभागीय आयुक्त और जिला कलेक्टर को लिखा है। इसके जरिए बताया गया है कि यह पब्लिक पार्क का मुख्य द्वार आज अपना वैभव खोता जा रहा है। इसकी सुध लेकर इसको दुरुस्त कराया जाना चाहिए है। बीकानेर रियासत के तत्कालीन शासक दिवंगत  महाराजा गंगासिंह ने इंग्लेण्ड के बंकिघम पैलेस की तर्ज पर बीकानेर में  बहुत ही शानदार पब्लिक पार्क का निर्माण करवाया था। इस पार्क के मुख्य दरवाजों के अलावा पांच और दरवाजे है जिनका भी अस्तित्व समाप्त सा हो चुका हैं। केवल यह एक मुख्य प्रवेशद्वार ही बचा है। यह भी अपना अस्तित्व खोने के कगार पर है, क्योंकि यह द्वार भी बीते दो साल से  दीवार से लटका पड़ा है, इसे ना ही तो दोबारा लगाया जा रहा है और ना ही इसे अपनी जगह से हटाया जा रहा है।

सैकड़ों लोग रोजाना गुजरते है

पत्र में हवाला दिया गया है कि इस प्रवेश द्वार से हर समय बड़ी संख्या में लोग गुजरते हैं। इसमें जनप्रतिनिधि, प्रशासन के अधिकारी, देशी-विदेशी पर्यटक, अधिवक्ता और आम नागरिक शामिल है, लेकिन संबंधित विभागों (चाहे नगर विकास न्यास हो या सार्वजनिक निर्माण विभाग हो) की उदासीनता व उपेक्षित  के चलते यह हेरिटेज धरोहर दम तोड़ती नजर आ रही है।

प्रशासन लें इनकी सुध

जागरुक नागरिक ने पार्क के मुख्य दरवाजे पर पुन: लोहे के मजबूत गेट लगवाने के साथ-साथ अन्य सभी पांच दरवाजों (जिनमें – महाराजा स्व. डूंगर सिंह जी की प्रतिमा के पीछे, एस. बी. आई. बैंक के पास, रथखाना कोलोनी कहीं तरफ बने दरवाजे, सर्किट हाउस की और बने दरवाजे व तुलसी सर्किल की तरफ बने दरवाजे) पर लोहे के मजबूत गेट लगाकर इस धरोहर का वैभव पुन : लौटाएं। साथ हीआग्रह है कि  पूरे पार्क में बने नालों को भी कवर किए जाए। पार्क के अन्दर बनी सभी छत्तरियों की मरम्मत कराई जाए।

 

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