बीकानेरNidarindia.com
पांच साल पुराने चैक अनादरण मामले में आज न्यायालय ने एक शख्स को पांच माह का कारावास और 2 लाख 90 हजार रुपए के अर्थ दंड की सजा सुनाई है। यह निर्णय विशिष्ट न्यायिक मजिस्टे्रट(एनआई एक्ट प्रकरण) संख्या-२ के पीठासीन अधिकारी भारती पाराशर ने दिया है। आरोपी की ओर से जुर्माने की अदायगी नहीं करने पर एक महीने का अतिरिक्त कारावास भुगतना पड़ेगा।

प्रकरण के अनुसार बीदासर बारी के अन्दर रहने वाले तरूण चौधरी पुत्र द्वारकाप्रसाद चौधरी ने 1 मार्च, 2019 को न्यायालय में इस आशय का परिवाद पेश किया था। इसमें परिवादी की ओर से कहा गया था कि इन्द्रा चौक, नई लाइन गंगाशहर में रहने वाले लक्ष्मीनारायण सोनी पुत्र रामचंद्र सोनी ने उससे घरेलू जरूरतों को पूरा करने के लिए 9 जनवरी, 2018 को दो लाख रुपए नगद उधार लिए थे।
उस दौरान अभियुक्त लक्ष्मीनारायण सोनी ने उसे 30 अप्रेल, 2018 को वापस लौटाने का आश्वासन दिया था। जान-पहचान का फायदा उठाते हुए अभियुक्त ने निर्धारित समय अवधि में उधार लिए गए रुपए वापस नहीं किए। सख्त तकादा करने पर अभियुक्त लक्ष्मीनारायण सोनी ने दो लाख रुपए की राशि भरकर अपने खाते वाले बैंक का चैक दिया। ऐसे में जब परिवादी ने अपने रुपए लेने के लिए बैंक में समासोधन के लिए लगाया तो बैंक की ओर से अभियुक्त के बैंक खाते में पर्याप्त राशि नहीं होने की लिखित में जानकारी देते हुए चैक वापस लौटा दिया।

न्यायालय ने तमाम सबूतों को ध्यान में रखते हुए और गवाहों को सुनकर लक्ष्मीनारायण सोनी को दोष सिद्ध करार देते हुए अभियुक्त को पांच महीनों का साधारण कारावास, दो लाख नब्बे हजार रुपए के अर्थदण्ड का दण्डादेश दिया।

