साइबर क्राइम : ऑनलाइन लूट के बढ़ रहे मामले, एक चूक और पसीने की कमाई पर हाथ साफ, लुटरे है सक्रिय, बचने के लिए बरते सावधानी... - Nidar India

साइबर क्राइम : ऑनलाइन लूट के बढ़ रहे मामले, एक चूक और पसीने की कमाई पर हाथ साफ, लुटरे है सक्रिय, बचने के लिए बरते सावधानी…

निडर इंडिया डेस्क।
कम्प्यूटर और मोबाइल का बढ़ता उपयोग सुविधा और दुविधा दोनों बनता जा रहा है। इनकी तकनीक का फायदा उठाकर साइबर अपराधी अपनी चांदी काट रहे हैं। ऑन लाइन ठगी के मामले लगातार बढ़ रहे हैं।

आए दिन लोग साइबर ठगी के शिकार होते जा रहे हैं। इसमें एक चूक ही आपके गाढे पसीने की कमाई छीन सकती है। इसके लिए सावधानी जरूरी है। आज के आधुनिक युग में कुछ शातिर ऐसे हैं जो तकनीकों का इस्तेमाल कर लोगों के साथ ठगी कर रहे हैं। दूसरी ओर कई सुरक्षा एजेंसियां, वित्तीय संस्थाएं, बैंक, पुलिस, इन्टरनेट, संचार सुविधाएं देने वाली कंपनियां और सरकारें ऑनलाइन ठगी से बचने के लिए लगातार आमजन को सचेत करने का प्रयास भी कर रहे हैं। इन सबके बाद भी ऑनलाइन ठगी के मामलों का ग्राफ बढ़ता दिखाई दे रहा है।

कोरोनाकाल के बाद से ‘ऑनलाइन फ्रॉड’ की वारदातें ज्यादा हो गई है। इससे बचना भी बेहद जरूरी है। हैकर्स व ऑनलाइन लुटेरों को तो सिर्फ आपकी एक गलती का ही इंतजार है। चूक हुई नहीं कि आपके पैसों पर हाथ साफ कर देंगे। इससे बचने के लिए कुछ सावधानियां रखनी जरूरी हंै।

इस तरह से रहे सचेत, तो बच सकते है

जिओ, एअरटेल, वोडाफोन, बीएसएनएल सरीखी मोबाइल कम्पनी के नाम पर मुफ्त इंटरनेट के झांसे में आने से बचें, रीचार्ज और टॉकटाइम का मैसेज आए तो उस पर दिए किसी लिंक को न खोलें। कोई भी कंपनी फ्री में इंटरनेट नहीं दे रही है। इस तरह के लिंक आपको धोखा देने के लिए भेजे जा रहे हैं।

फेसबुक, इंस्टाग्राम का उपयोग करते हुए या अन्य सोशल साइट्स पर अगर आपसे कोई पैसे मांग रहा है तो आसानी से विश्वास न करें। आजकल झूठे यानी फेक लिंक्स देकर लोगों को ठगा जा रहा है। किसी को भी पैसे ट्रांसफर करते समय स्वयं उनसे बात जरूर करें। वेबसाइट का वेरिफिकेशन करें, नहीं तो धोखाधड़ी के शिकार हो सकते हैं।

किसी के कहने पर या मैसेज पर मोबाइल फोन में कोई साफ्टवेयर, ऐप डाउनलोड ना करें। ऐनी डेस्क, टीम व्यूवर या क्विक सपोर्ट की आवश्यकता हो तभी डाउनलोड करें।
यदि कोई अंजान व्यक्ति आपके फोन पर आपको पेमेन्ट लिंक एसएमएस के जरिए भेजे और उसके नीचे नीले रंग की अंडरलाइन हो तो उस पर क्लिक नहीं करें। ऑनलाइन लुटेरे ये फेक वेबसाइट के लिए लिंक बनाकर इस्तेमाल करते हैं।

कहीं भी रुपए प्राप्त करने के लिए किसी भी क्यूआर कोड लिंक पर क्लिक न करें और न ही पे (पीएवाई) के बटन को दबाएं। गूगल पर सर्च किए गए कस्टमर केयर नम्बर का उपयोग ना करें, इससे धोखाधड़ी के मामले सामने आ रहे हैं।

कोई ऑनलाइन सामान खरीदने से जुड़े लिंक और गूगल से मिले फोन नंबर पर भरोसा ना करें। गूगल पर झूठे नंबर और लिंक्स भी मौजूद होते हैं, इसलिए वेबसाइट असली है या नकली, वेरीफाई करें। बैंक की ईएमआई माफ करने के संबंध में गूगल पर सर्च कर नंबर पर कॉल नहीं करें। ना ही इस सम्बन्ध में आई कॉल पर कोई जानकारी साझा करें, इससे धोखाधड़ी हो सकती है।

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