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पीपल के पेड़ों के नीचे झिलमिलाते दीपक। रोली से तिलक, तो पेड़ के तनों पर बंधी मोली। प्रसाद के रूप में पताशे, पेड़े और मिठाइयां। बड़ी तादाद में हाथों में पूजा की थाली लिए सामूहिक रूप से पूजन करती महिलाएं। यह नजारा आज नत्थूसर गेट बाहर करमीसर रोड के समीप स्थित पीपल पार्क में साकार हो रहा था। अवसर था बैशाख माह की अमावस्या का। इस मौके पर महिलाओं ने सामूहिक रूप से पीपल पार्क में 108 पीपल पेड़ों का पूजन किया। आरती कर भेंट चढ़ाई।
भगवान विष्ण का वास…
आस्थावान लोगों का मानना है कि पीपल के पेड़ में भगवान विष्ण का वास होता है। यही वजह है कि बैशाख में महिलाएं पीपल के पेड़ को पानी पिलाती है। खास दिन, तिथि पर पूजन भी करती है। बैशाख माह में पीपल पूजन का खास महत्व बताया गया है। इसमें भी यदि अमावस्या आ जाए तो, पूजन का महत्व दुगना हो जाता है। ऐसी शास्त्रों में मान्यता बताई गई है।
ऐसे लगाए पीपल के पेड़…
पर्यावरण प्रेमी, आगौर संरक्षक मदन मोहन छंगाणी ने बताया कि इस पीपल पार्क की नींव उस दौर में उनके पिता दाऊलाल छंगाणी ने रखी थी। उस समय में वर्ष 2012 से भी पहले अधिकमास होने के कारण महिलाओं ने यह सुझाव रखा था कि एक ही स्थानों पर यदि बड़ी संख्या में पीपल के पेड़ हो, तो बैशाख माह में पूजन के समय समस्या नहीं होगी। इसी उद्देश्य से दाऊ लाल छंगाणी और उनकी टीम ने पीपल के पेड़ उस दौर में लगाए। आज यहां १५० पीपल है और संरक्षण कर रहे पर्यावण प्रेमी मदनमोहन ने 108 पीपल तक नम्बर भी लगा रखें हैं। आज पेड़ घने हो गए है, छायादार पेड़ों के बीच लोगों सुबह की ताजी हवा का लुत्फ उठाने के लिए भी आते हैं। वहीं बैशाख माह में महिलाएं पूजन करती है।
BY-Ramesh Bissa