कई स्थानों पर मेला, जूनागढ़ से निकली शाही सवारी, दौड़ भी लगाई…

बीकानेरnidarindia.com
‘आगे-आगे बैंड़बाजा, पीछे मोटर कार है, रो मति गवरल हरियाळा ईसर साथ है….रो मति गवरल…गणगौर से नहीं रोने की बात कह रही है, खुद की आंखें नम है। गणगौर के जाने से मन में मायुसी है, फिर अगले साल आने का भी आग्रह कर रही है। यह दृश्य शुक्रवार को बीकानेर में साकार हो रहा था। अवसर था एक पखवाड़े से चले गणगौर पूजन के बाद आज गवरजा माता की विदाई का। बालिकाओं ने गाजे-बाजे के साथ गणगौर को विदाई, तो कइयों की रुलाई छूट पड़ी।
माटी के पाळसियों का विसर्जन…

एक पखवाड़े तक घरों में गणगौर माता का पूजन किया। इस दौरान माटी के पाळसियों में गुलाल सहित सामग्री एकत्रित हुई जिसका विसर्जन आज अलग-अलग स्थानों पर किया गया।
यहां भरे मेले…
बीकानेर में चौतीना कुआं पर बड़ा मेला भरा। जहां पर बड़ी संख्या में गणगौर प्रतिमाओं को पानी पिलाने की की परम्परा निभाने के लिए लाया गया। साथ ही बालिकाओं ने पूजन सामग्री विसर्जन की। वहीं जूनागढ़ से शाही लवाजमे के साथ गणगौर सवारी निकली।
गणगौर माता के दर्शन के लिए जूनागढ़ के सामने आस्थावान लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा। परम्परा के अनुसार गणगौर की सवारी चौतीना कुआं तक गई। इसके अलावा जस्सूसर गेट क्षेत्र में मोहता कुआं, गंगाशहर, भीनासर, नत्थूसर बास सहित कई स्थानों पर बालिकाओं ने कुओं पर पूजन सामग्री का विसर्जन किया।
ढढ्ढों के चौक में मेला…
बीकानेर की ख्यातिनाम गणगौर चांदमल ढढ्ढा की शाही गणगौर का मेला भरा। जहां पर नख से लेकर शिख तक सोने व रत्नों से जडि़त आभूषणों से शृंगारित गणगौर प्रतिमाओं के आगे महिलाओं ने सिर झुकाकर मन्नतें मांगी। मां की प्रतिमाओं के नृत्य कर परिवार की खुशहाली की कामना की। इस मौके पर मेले में महिलाओं और बच्चों ने चाट-पकौड़ी का जमकर लुत्फ उठाया।
दौड़ की निभाई परम्परा…
गणगौर मेले के अवसर जूनागढ़ से गणगौर प्रतिमाओं की दौड़ परम्परा भी निभाई गई। आस्थावान लोगों ने अपने सिर पर गणगौर प्रतिमाएं रखकर दौड़ लगाई। यह रोमांचक दृश्य देखने के लिए लोगों भीड़ केईएम रोड से कोटगेट तक अट गई।
धींगा गणगौर का पूजन…
बालि गणगौर की विदाई के साथ ही घरों में धींगा गणगौर माता का पूजन शुरू हो गया। इसमें विवाहिता महिलाएं एक पखवाड़े तक गणगौर का पूजन करेगी।
फोटो-वीडियो-एसएन जोशी।

