कोलकाता : मां सच्चियाय माता मंदिर में दुर्गा मंत्रों की गूंज, पुष्पार्चन और पाठात्मक सहस्त्रचंडी महायज्ञ, भक्तिरस में डूबा मंदिर परिसर... - Nidar India

कोलकाता : मां सच्चियाय माता मंदिर में दुर्गा मंत्रों की गूंज, पुष्पार्चन और पाठात्मक सहस्त्रचंडी महायज्ञ, भक्तिरस में डूबा मंदिर परिसर…

बीकानेर.कोलकाताNidarindia.com
दुर्गापाठ के संवेद स्वरों की गूंज। देवी माता के पुष्पार्चन। चारों और धूप-दीप की दिव्य महक। यह नजारा है गुरू सदय दत्त रोड, बैक बागान, बालीगंज स्थित सच्चियाय माता मंदिर का।

जहां पर जगत कल्याण के लिए सहस्त्रचंड़ी महायज्ञ का आयोजन चल रहा है। इस धार्मिक अनुष्ठान में 51 वेदपाठी ब्राह्मण पाठात्मक महायज्ञ कर रहे हैं। पंडि़त मनोज बिस्सा (गुड्डू महाराज) ने बताया कि प्रतिदिन 51 ब्राह्मण 3 पाठ दुर्गा सप्तशती के पाठ कर रहे हैं। प्रथम दिन गणेशजी सहित देवताओ और भगवती का आह्वान कर पूजन किया था, उसके साथ ही एक दुर्गा सप्तशती का पाठ किया गया।

गुरुवार को सुबह पूजन विजय-शशि फूंभडा और सिद्धार्थ-रूचिका फूंभडा ने भगवती का पूजन और अभिषेक किया गया। शाम को जयश्री गांधी उनके पुत्र वेदांत गांधी और वरूण कठोतिया ने एक हजार नाम से पुष्पार्चन किया गया।

अब तक हुए 800 पाठ…
पंडि़त मनोज बिस्सा के अनुसार आज तक 800 पाठ दुर्गा सप्तशती के हो गए है। आज पंडि़त शंभू झां और शंभूनाथ झां ने पाठ किए। वहीं घनश्याम मिश्रा, अखिलेश कुमार उपाध्याय ने यजुर्वेद का और शिवम शर्मा ने सामवेद का , राजीव ठाकूर ने श्रृग्वेद का वेदांत और अमित ने संगीता का 9 से 9:30 बजे तक प्रतिदिन अलग-अलग ब्राह्मणों ने वेद का पाठ किया। उसके बाद भगवती का पूजन शुरू हुआ।

भगवती की आराधना सुख समृद्धि देती है…
पंडि़त गुड़्डू महाराज के अनुसार कलियुग में भगवती की आराधना सुख समृद्धि देने वाली है। जगत कल्याण के उद्देश्य से माघ मास की गुप्त नवरात्रि में मां की आराधना की जा रही है। इसमें सर्वप्रथम वेद मंत्रों का पाठ करके भगवती का पूजन शुरू होता है। इसमें पंचतत्व दूध, दही, घी, शहद शर्करा से स्नान और सुगंधित जल से भगवती का अभिषेक किया जाता है।

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