बीकानेरNidarindia.com
मळमास में श्रीमद् भागवत कथा का खास महत्व होने के कारण शहर में कई स्थानों पर धार्मिक अनुष्ठान चल रहे हैं। पुरानी लाइन गंगाशहर के सेठिया भवन चल रही श्रीमद्भावगत कथा में शुक्रवार को कथा व्यास पंडि़त जसवंत शास्त्री ने कई प्रसंगों की सप्रसंग व्याख्या की। उन्होंने कहा कि भागवत कथा श्रवण मुक्ति का मार्ग है।
मनुष्य को भागवत कथा का श्रवण करना चाहिए। साथ ही सत्संग भी करना चाहिए। महाराज ने कहा कि कालचक्र का कोई भरोसा नहीं है, लेकिन मनुष्य को ईश्वर की आराधाना करते रहना चाहिए। क्योंकि जब भी सच्चे भक्तों पर विपतियां आती है, तब-तब भगवान साक्षात किस न किस रूप में अवतरित होते हैं। उन्होंने विदुर प्रसंग सुनाया तो श्रोता मंत्रमुग्द हो गए।
महाराज ने प्रसंग की व्याख्या करते हुए कहा कि मृत्यु का कोई भरोसा नहीं है, इसलिए हर समय तैयार रहना चाहिए। जीवन में जरूरी है कि आप भगवान, ईष्टदेव की आराधना करते रहे। आयोजकों के अनुसार जनसहयोग से चल रहे इस धार्मिक अनुष्ठान में शाम सात से नौ बजे तक नानी बाई रो मायरो कथा आयोजन भी हो रहा है।