आस्था : जयकारों के साथ आशापुरा धाम की ओर बढ़ रहे बीकनेर के जातरू, रात को सांखला फांटा पर किया विश्राम - Nidar India

आस्था : जयकारों के साथ आशापुरा धाम की ओर बढ़ रहे बीकनेर के जातरू, रात को सांखला फांटा पर किया विश्राम

 नोखड़ा, बाप, रामदेवरा होते हुए 23 सितंबर को पहुंचेंगे आशापुरा मंदिर…

रमेश बिस्सा

बीकानेरNidarindia.com ‘आशापुरा ने घणी-घणी खम्मा, मैया हेलो मारे, मैया तेरी जय बोलेंगे, छोटा-मोटा सब बोलेंगे…अल सुबह पौ फटने को है। फिजाओं में गूंज रहे माता के जयकारे। सोमवार को यह नजारा है जैसलमेर रोड पर सांखला फांटा से आगे की ओर का। जहां आज सुबह पांच बजे आशापुरा माता के दरबार की ओर रवाना हुए आशापुरा पैदल यात्री संघ(गिरीराज मंडल) बीकानेर के 85 पैदल जातरू उत्साह और जोश के साथ मां आशापुरा के जयकारे लगाते हुए बढ़ रहे है। रात्रि विश्राम सांखला फांटे पर करने के बाद आज अल सुबह की अगले पड़ाव की ओर निकल गए।

बीकानेर से यह जत्था शनिवार शाम को रवाना हुआ था। करमीसर, बच्छासर, कोलासर होते हुए शीशा सांखला फांटा होते हुए अब गडिय़ाला फांटा पर नंदी गोशाला परिसर में दोपहर का विश्राम करेगा। भोजन करने के बाद हाथों में मां आशापुरा की ध्वजाएं लिए जयकारे लगाते हुए पदयात्री दोपहर बाद अगले पड़ाव के लिए रवाना हो जाएंगे।

कुछ क्षण पैदल रास्ते में सुस्ताते हुए।

85 सदस्य शामिल है…
पैदल संघ के अध्यक्ष देवेन्द्र बिस्सा ने बताया कि पैदल जत्थे में 85 सदस्य शामिल है। बारिश-आंधी की परवाह किए बिना सभी लोग रास्ते में मां आशापुरा का गुणगान करते हुए जोश के साथ चल रहे है। यह संघ 23 सितंबर को पोकरण स्थित मां आशापुरा के दरबार में पहुंचेंगे। जहां पर तीन दिन मेला रहेगा। 25 सितंबर को मुख्य आयोजन होगा। उसी दिन रात को भंडारे का प्रसाद होगा। रात्रि जागरण होगा। मेले में शामिल होने के लिए बीकानेर से बड़ी संख्या में अष्टमी (२३ सितंबर)से ही बसें आशापुरा पहुंचने लगेगी।

 

चार दशक से पैदल यात्रा
आशापुरा पैदल यात्री संघ (गिरीराज मंडल) बीकानेर का यह संघ बिस्सा चौक से रवाना होता है। नत्थूसर गेट बाहर स्थित मां आशापुरा मंदिर में पूजा-अर्चना, आरती करने के बाद आगे बढ़ता है। संघ के वरिष्ठ सदस्यों के अनुसार पैदल जत्था 1984 से ही आशापुरा के दर्शन के लिए पैदल ही जा रहा है। खास बात यह है कि रास्ते में भोजन, शीतल पानी की व्यवस्था संघ अपने स्तर पर ही करता है। इसके लिए हलवाई से लेकर सभी व्यवस्थाएं बीकानेर से ही ले जाते है। रामदेवरा पहुंचने पर भी पहले मां आशापुरा के मंदिर जाएंगे। पहले वहां पर धोक लगाएंगे। इसके बाद किसी दूसरे मंदिर में जाना होगा, तो जाएंगे।

पदयात्रियों से मिले डॉ.कल्ला
रविवार रात को सांखला फांटे पर विश्राम कर रहे आशापुरा पैदल यात्री संघ के सदस्यों से मिलने के लिए शिक्षा मंत्री डॉ.बीडी कल्ला पहुंचे। कल्ला ने सभी से मिलकर यात्रा के लिए शुभकामनाएं दी।

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