दो दिवसीय सेमिनार आयोजित, देशभर के विशेषज्ञों ने किया मंथन, सरकार को सौंपेंगे तैयार ड्राफ्ट





बीकानेर, निडर इंडिया न्यूज।
माइनिंग इंजीनियर्स एसोसिएशन ऑफ़ इंडिया के जोधपुर चैप्टर, बीकानेर डिस्ट्रिक्ट माइन ओनर्स एसोसिएशन तथा बीकानेर तकनीकी विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में जोधपुर-जयपुर बायपास स्थित रिद्धि सिद्धि रिसोर्ट में आयोजित हो रहा ‘ औद्योगिक खनिज और सेरेमिक: डाउनस्ट्रीम उद्योग और निवेश के अवसर’ विषयक दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन रविवार को संपन्न हुआ।
सम्मेलन के अंतिम दिन सेरेमिक उद्यमियों ने बीकानेर में औद्योगिक इकाइयां स्थापित करने में आ रही व्यवहारिक समस्याओं और इनके समाधान की संभावनाओं पर मंथन किया। उद्यमियों ने कहा कि बीकानेर को सेरेमिक हब के रूप में विकसित करने की सभी योग्यताएं हैं। यहां देश और दुनिया के उद्यमी अपने उद्यम की स्थापना भी करना चाहते हैं। लेकिन उन्हें कुछ व्यावहारिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है।

इनमें रियायती दर पर जमीन की उपलब्धता, गैस पाइप लाइन और पानी की उपलब्धता, जीएसटी की दरों में कमी प्रमुख हैं। वक्ताओं ने कहा कि बाड़मेर की रिफायनरी की तर्ज पर यहां के उद्योगों को आवश्यक सहयोग मिले तो बीकानेर का सेरेमिक उद्योग मोरबी को कहीं पीछे छोड़कर इटली के मिलान की बराबरी कर सकता है।


सम्मेलन के अंतिम दिन दो तकनीकी सत्र हुए और अंत में राउंड टेबल डिस्कशन हुआ। इसमें देशभर के विशेषज्ञों ने भागीदारी निभाई। कार्यक्रम में सकरणी ग्रुप प्रमुख अशोक गुप्ता, इंटरनेशनल कॉमर्स ग्रुप के कुमार लखोटिया, एम.बी.एम. यूनिवर्सिटी के पूर्व डीन प्रो. सुशील भंडारी, अतिरिक्त निदेशक (खान) योगेन्द्र सिंह सहवाल, माइनिंग इंजीनियर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (जोधपुर चैप्टर) के चेयरमैन दीपक तंवर तथा बीकानेर डिस्ट्रिक्ट माइंस ऑनर्स एसोसिएशन के जयचंद लाल डागा मौजूद रहे।
बीकानेर डिस्ट्रिक्ट माइन ऑनर्स एसोसिएशन के चेयरमैन राजेश चूरा ने कहा कि बीकानेर की मिट्टी और खनिज यहां के सिरेमिक उद्योग के लिए वरदान हैं। उचित नीति व निवेश से यह क्षेत्र अग्रणी इंडस्ट्रियल हब बन सकता है। इस दौरान खनन उद्यमियों और तकनीकी विशेषज्ञों ने बीकानेर को सिरेमिक उद्योग का हब बनाने के लिए पूरी ऊर्जा और संसाधन समर्पित करने की शपथ ली।
तकनीकी सत्र के मुख्य अतिथि इंजीनियर वाई.एस. सहवाल ने कहा कि खनिज संपदा का वैज्ञानिक दोहन प्रदेश की औद्योगिक प्रगति का मार्ग प्रशस्त कर सकता है।
एमबीएम यूनिवर्सिटी, जोधपुर के प्रो. रामप्रसाद चौधरी ने कहा कि एआई आधारित तकनीकों से खनिज संसाधनों की पहचान और गुणवत्ता परीक्षण में पारदर्शिता बढ़ाई जा सकती है।
डूंगर कॉलेज के प्रो. देवेश खंडेलवाल ने कहा कि बीकानेर क्षेत्र में सिरेमिक उद्योग के लिए कच्चा माल भरपूर मात्रा में है। इसके लिए सही दिशा और नीति की जरूरत है।
समापन सत्र में वरिष्ठ वैज्ञानिक प्रो. ए.के. गुप्ता ने बताया कि विशेषज्ञों के विचारों को आधार बनाकर एक निष्कर्ष रिपोर्ट तैयार की जाएगी। इसमें बीकानेर को सिरेमिक और खनिज उद्योग के डाउनस्ट्रीम हब के रूप में विकसित करने के सुझाव शामिल होंगे। यह रिपोर्ट केंद्र और राज्य सरकार को भेजी जाएगी।
राकेश पुरोहित ने आभार जताया। खनि अभियंता एमपी पुरोहित, राकेश आचार्य, आशीष चांदना, अरुण आचार्य, मोहित डागा, सौरभ चांदना, दिनेश काकड़ा और संदीप चांदना आदि मौजूद रहे।







