रमेश बिस्सा





ऋषिकेश, निडर इंडिया न्यूज।
‘नंद के आनंद भयो जय कन्हैयालाल की, हाथी दीजे-घोड़ा दीजे और दीजे पालकी…यशोदा के लालो भयो जय कन्हैयालाल की…का जयघोष। चोरों और कृष्ण जन्म का छाया आनंद। कान्हा के आने की खुशी में झूमते श्रद्धालु। मंगलवार को यह नजारा ऋषिकेश में नीलकंठ रोड पर रातापानी स्थित फूलचट्टी रिसोर्ट में साकार हो रहा था।
अवसर है भागवत कथा ज्ञान यज्ञ अनुष्ठान में नंदोत्सव का। आज चोथे दिन की कथा में भागवताचार्य पंड़ित दुर्गादत्त व्यास ने कई प्रसंगों की व्याख्या की। बीकानेर जिले की कोलायत तहसील के गुड़ा गांव मूल के रहने वाले मुम्बई और सूरत प्रवासी चांड़क परिवार की ओर से कराए जा रहे इस धार्मिक आयोजन में राजस्थान, सूरत, अहमदाबाद, मुम्बई, बैंगलुरु, कोलकाता सहित महानगरों से बड़ी संख्या में यहां पहुंचे श्रद्धालु इस भक्ति सरिता में डूबकी लगा रहे हैं।


कृष्णमय हुआ माहौल
मंगलवार को भागवत कथा में जब कृष्ण जन्म का प्रसंग आया, तो पूरा पंड़ाल मानो कृष्णमय हो गया। श्रद्धालुओं ने थालियां बजाकर कान्हा के जन्म की एक दूसरे को बधाइयां दी। बच्चों को टॉफियां, खिलौने बांटे। माखन-मिश्री, पंचामृत का प्रसाद वितरण किया गया। भजनों की धुनों पर महिलाओं ने नृत्य किया।


इस अवसर पर एक नन्हे बालक को कान्हा का स्वरूप बनाकर सजीव झांकी निकाली। नंद बाबा का स्वरूप धीरज राठी ने और वासुदेवजी का स्वरूप विवेक चांड़क ने धरा। सजीव झांकी का मनोरम दृश्य देखकर हर कोई मंत्रमुग्द हो गया। भागवतजी की आरती के बाद प्रसाद का वितरण किया गया। पंड़ित अमरचंद पुरोहित ने सालिग्राम, भगवान ब्रह्मा, कुल देवता सहित पूजन कराए।
कलाकारों ने बांधा समां
संगीतमय भागवत कथा में गायक कलाकार राधेश्याम बिस्सा ने भजनों से समां बांध दिया। कलाकार के साथ प्रमोद व्यास ने तबले पर और ऑर्गन पर दीपांशु अरोड़ा ने संगत की।


 
	
	
	
	 
				 
													




