बीकानेर , निडर इंडिया न्यूज।




देशभर में कबीर, सूफी संतों की वाणियों को जन-जन तक पहुंचाने के लिए राजस्थान कबीर यात्रा एक अहम सेतू है। देश के प्रमुख् लोक महोत्सवों में शामिल राजस्थान कबीर यात्रा की गूंज अब विदेशी धरती पर भी सुनाई देगी। इस यात्रा का आयोजन 5 से 13 जुलाई तक जापान के अलग-अलग शहरों में भी होगा।
राजस्थान कबीर यात्रा के माध्यम से बीते कुछ वर्षों से लोक कलाकारों को नयी पहचान देने के अलावा कबीर, मीरा और अन्य सूफी संतों की वाणियों को पूरे भारत में जन जन तक पहुँचाने जैसे कार्यों से प्रेरित होकर जापान की ओसाका यूनिवर्सिटी ने कबीर यात्रा के आयोजन जापान के शहरों में करने के लिए विशेष रूप से आमंत्रित किया है।
राजस्थान कबीर यात्रा के निदेशक गोपाल सिंह चौहान ने बताया कि ओसाका यूनिवर्सिटी के इंडियन ओसियन वर्ल्ड स्टडीज प्रोग्राम और मलंग फोक फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में कबीर यात्रा का अन्तरराष्ट्रीय संस्करण जापान में ओसाका कबीर यात्रा के नाम से आयोजित होगा। इस दस दिवसीय संगीतमय यात्रा में जैसलमेर के कबीर और सूफी गायक कोक स्टूडियो कलाकार सकूर खान और उनका दल ओसाका, क्योटो और टोकियो शहर में कबीर, मीरा और सूफी संगीत की प्रस्तुति देंगे। ओसाका कबीर यात्रा का उद्घाटन कार्यक्रम 5 जुलाई को ओसाका में होगा जिसमे यूनिवर्सिटी के छात्रों के अलावा वहां के निवासी और कई महत्वपूर्ण अतिथि भाग लेंगे। इसके बाद क्योटो और टोकियो में भी कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।

मलंग फोक फाउंडेशन की सह निदेशक प्रेरणा गुप्ता ने बताया कि ओसाका कबीर यात्रा में भक्ति और सूफी संगीत के अलावा यूनिवर्सिटी के छात्रों के लिए कबीर, मीरा और सूफी संतों के इतिहास, उनके भजनों और राजस्थान की लोक एवं मौखिक परंपरा पर विशेष सत्रों का भी आयोजन किया जाएगा। इन सत्रों का संचालन कबीर यात्रा के निदेशक गोपाल सिंह चौहान करेंगे।
राजस्थान कबीर यात्रा की शुरुआत 2012 में सर्वप्रथम बीकानेर से शुरू हुई थी और उसके बाद जैसलमेर, बाड़मेर, जयपुर, उदयपुर, सीकर, चूरू, जोधपुर, फलौदी, फतेहपुर के 100 से अधिक गांवों में इसका आयोजन प्रति वर्ष होता है जिसमे देश विदेश के सैकडों यात्री भक्ति और सूफी संगीत को सुनने समझने के लिए यात्रा में भाग लेने आते हैं। कलाकारों के दल का नेतृत्व मलंग फोक फाउंडेशन की प्रोजेक्ट हेड निकिता तिवाड़ी करेगी।
