कृषि : राष्ट्रीय बागवानी के तहत चयनित-फल वृक्ष बगीचा स्थापना को मिलेगा क्षेत्र विस्तार - Nidar India

कृषि : राष्ट्रीय बागवानी के तहत चयनित-फल वृक्ष बगीचा स्थापना को मिलेगा क्षेत्र विस्तार

75 हैक्टेयर क्षेत्रफल में फल बगीचा स्थापना के मिले लक्ष्य-किसानों से आवेदन आमंत्रित

बीकानेर, निडर इंडिया न्यूज। 

बीकानेर में जहां पूर्व में फल वृक्ष बगीचा स्थापना पर अनुदान उद्यान विभाग की ओर से राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत स्वीकृत किया जाता था, वहीं इस वर्ष बीकानेर को राष्ट्रीय बागवानी मिशन योजना तहत चयनित जिलों की सूची में शामिल कर लिया गया है। अब जिले के किसानों को राष्ट्रीय बागवानी मिशन योजना के तहत देय अनुदान परियोजना से लाभान्वित किया जाएगा।

उप निदेशक उद्यान रेणु वर्मा ने बताया कि राष्ट्रीय बागवानी मिशन के तहत फल बगीचा स्थापना करने के इच्छुक किसान ‘राजकिसान साथी’ पोर्टल पर अनुदान के लिए आवेदन कर सकते हैं। जिले को 75 हैक्टेयर क्षेत्रफल में बगीचा स्थापना के लक्ष्य मिले हैं। उद्यान विभाग के सहायक निदेशक मुकेश गहलोत ने बताया कि प्रथम श्रेणी में पपीता, बेल, बेर, आंवला, सीताफल, करौदा, कटहल, जामुन जैसे फल वृक्ष बगीचा स्थापना पर 75 हजार रुपए प्रति हेक्टेयर तक श्रेणी द्वितीय में मौसंबी, संतरा, किन्नू, अनार, अमरूद, नीम्बू फल वृक्ष बगीचा स्थापना सामान्य अन्तराल पर करने पर एक लाख पच्चीस हजार रुपए प्रति हेक्टेयर एवं उच्च सघनता पर बगीचा स्थापना करने पर रुपए 2 लाख प्रति हेक्टेयर इकाई लागत निर्धारित की गई है।

सामान्य कृषक को इकाई लागत का 40 प्रतिशत प्रोरेटा बेसिस अधिकतम 2 हेक्टेयर तक अनुदान 2 वर्ष में देय है। अनुसूचित क्षेत्रों के अनुसूचित जाति व जनजाति कृषकों को प्रोरेटा बेसिस पर अधिकतम 2 हेक्टेयर क्षेत्र के लिए 60 फीसदी अनुदान देय है। प्रथम वर्ष में सहायता राशि का 60 प्रतिशत एवं द्वितीय वर्ष में 80 प्रतिशत पौधे जीवित होने की दशा में 40 प्रतिशत राशि प्लान्टिंग मैटेरियल पर व्यय के लिए है। नए फल बगीचा स्थापना आवेदन के साथ ही कृषक को ड्रिप संयत्र स्थापना के लिए पीडीएमसी सूक्ष्म सिंचाई योजना में आवेदन करना होगा।

बगीचे तैयार करने के लिए फसल विशेष के अनुसार निर्धारित दूरी पर निश्चित आकार के गड्ढे खुदवाने होंगे। गड्‌ढे भरने में उपयोग आने वाले उर्वरक एवं पौध संरक्षण रसायन आदि किसान के स्तर से उपयोग किए जाएंगे। नए फल बगीचे तैयार करने के लिए डिप संयंत्र लगाना अनिवार्य है। डिप संयंत्र लगाए बिना फल बगीचे के लिए फलदार अनुदान उपलब्ध नहीं कराया जाएगा।

योजना प्रभारी डॉ विजय कुमार बलाई ने बताया कि फलों में नींबू के बीजु/टिश्यू कल्चर तकनीकी से उत्पादित पौधों के अलावा अन्य सभी बगीचे तैयार करने में ग्राफ्टेड पौधरोपण सामग्री का उपयोग किया जाएगा। किसान फल बगीचों की स्थापना हेतु राजहंस नर्सरियों एवं सेन्टर ऑफ एक्सीलेन्स में उत्पादित पौधों को प्राथमिकता से क्रय कर सकता है तथा अनुपलब्धता की स्थिति में कृषि विश्वविद्यालय/सम्बद्ध कृषि महाविद्यालय/कृषि अनुसंधान केन्द्र/कृषि विज्ञान केन्द्र/ राजस्थान ऑलिव कल्टीवेशन लिमिटेड, केन्द्र/राज्य सरकार एवं अन्य राजकीय संस्था अथवा निजी एक्रिडेटेड नर्सरीयों से पौधे खरीद कर बगीचा लगाता है, तो उसे नियमानुसार अनुदान देय होगा। किसान को नये फल बगीचो की साइट पर कृषक का नाम व पूर्ण पता, स्थापित वर्ष, कुल क्षेत्रफल, फसल व किस्म का नाम, राष्ट्रीय बागवानी मिशन के तहत अनुदानित इत्यादि की जानकारी का बोर्ड लगाना अनिवार्य होगा।

Share your love
Facebook
Twitter

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *