बीकानेर, निडर इंडिया न्यूज।

भारत तिब्बत सहयोग मंच ,जोधपुर प्रांत ने पर्यावरण पखवाड़े के तहत पहल करते हुए मंगलवार को गायों, गोवंश और नंदी को हरा चारा खिलाया। साथ ही गो पूजन किया। राष्ट्रीय पदाधिकारी सुधा आचार्य,सहसंयोजक, प्रकृति संरक्षण प्रकोष्ठ के नेतृत्व में पर्यावरण पखवाड़ा मनाया। इस अवसर पर भारत तिब्बत सहयोग मंच की बीकानेर ईकाई ने कई सामाजिक कार्यकर्ताओं को सक्रिय रूप से गौ वंश सेवार्थ को जोड़ने के लिए सार्थक प्रयास किए। इस मौके पर संस्था के जे पी व्यास ने कहा कि गौ माता हम सबके लिए पूजनीय हैं क्योंकि भारत गांव में बसता है, लेकिन फिर भी नगरों में भी कई गौशालाएं हैं। कई नंदी शालाएं हैं, जहां पर हमें नियमित रूप से जाकर के गौ माता की सेवार्थ कार्य करने चाहिए।
दिनेश सिंह चौहान ने कहा की गौ माता की जो सेवा करता है निश्चित ही वह 33 कोटी देवी देवताओं की सेवा कर लेता है अतः हमें गौशाला में सेवा कार्य अवश्य करने चाहिए। सुधा आचार्य ने सभी का स्वागत करते हुए कहा कि भारत तिब्बत सहयोग मंच अन्तरराष्ट्रीय पर्यावरण दिवस 5 जून से 15 दिन तक सतत् पर्यावरण पखवाड़ा मनाते हुए कई कार्यक्रमों का आयोजन कर रहा है।
इसी कार्यक्रम की श्रृंखला के तहत गोवंश को बचाने के लिए संकल्पित होकर के गोवंश को बचाने के लिए भी कटिबद्ध है और हम सभी सनातनियों को इस तरह के कार्यक्रमों में पूर्ण उत्साह के साथ में भागीदारी निभानी चाहिए। भारत तिब्बत सहयोग मंच का मुख्य उद्देश्य कैलाश मानसरोवर की मुक्ति है,जो कि हमारे देवों के देव महादेव का पवित्रतम स्थल है महादेव नंदी की ही सवारी करते हैं , हमें नंदी को बचाना भी अत्यावशक है। दीपक व्यास ने कहा कि भारत तिब्बत सहयोग मंच का उद्देश्य आज के समय में अत्यंत प्रासंगिक है और हमें चीनी सामान का पुरजोर बहिष्कार करना चाहिए जिससे कि हम भारतीय अर्थव्यवस्था को सुदृढ कर सके। रघुनंदन ने भी अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि आत्मनिर्भर भारत का निर्माण करने हेतु आवश्यक है कि हम अपने ही राष्ट्र में बने सामान का अत्यधिक उपयोग करें।

राजेश छंगाणी ने कैलाश मानसरोवर की धार्मिक महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा की कैलाश मानसरोवर हमारा है, हमारा था और हमारा ही रहेगा क्योंकि यह हमारे देवों के देव महादेव का पुनीत स्थल है।


