-प्रथम पुण्यतिथि पर रविन्द्र रंगमंच पर आयोजित हुई श्रद्धांजलि सभा, पंजाब के राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया मुख्य अतिथि के रूप् में हुए शामिल
बीकानेर, निडर इंडिया न्यूज।




पंजाब के राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि मनुष्य जीवन बार बार नहीं मिलता। जीवन में कुछ देश के लिए जरूर करें ताकि दुनिया आपको याद रखे। भाजपा के संस्थापक सदस्य ओम आचार्य ने ऐसा ही किया। उन्होंने अपना पूरा जीवन संगठन को समर्पित कर दिया इसलिए आज की युवा पीढी को उनसे प्रेरणा लेनी चाहिए। राज्यपाल कटारिया ने ये बात शुक्रवार शाम रविन्द्र रंगमंच पर भाजपा नेता ओम आचार्य की प्रथम पुण्यतिथि पर आयोजित श्रद्धांजलि सभा को संबोधित करते हुए कही। यह आयोजन ओमप्रकाश आचार्य स्मृति संस्थान की ओर से किया गया।
इस दौरान ओम जी के साथ बिताए पलों को याद करते हुए राज्यपाल गुलाबंचद कटारिया ने कहा कि वे एक अच्छे अधिवक्ता व अच्छे लेखक थे। वर्ष 1980 का विधानसभा चुनाव हम लोगों ने साथ ही लड़ा। मैं जीत गया वे हार गए। उसके बाद भी उन्होंने संगठन को मजबूत करने में कोई कसर नहीं छोडी। कटारिया ने कहा कि जब तत्कालीन इंदिरा सरकार ने वर्ष 1975 में देश पर आपातकाल थोपा तो ओमजी व उनके पिता दाउदयाल जी दोनों एक साथ 19 माह तक जेल में बंद रहे। इस परिवार ने बहुत कष्ट सहा। लोकतंत्र को बचाने के लिए इन्होंने जो कष्ट उठाए ऐसा परिवार देखने को नहीं मिलता। उन्होंने बताया कि कुछ लोग सिर्फ काम करने के लिए ही धरती पर आते हैँ। भले ही ओमजी को जीवन में कोई पद नहीं मिला मगर उन्होंने संघर्ष को नहीं छोडा तथा अपने आदर्शों के साथ कभी समझौता नहीं किया इसलिए वे सदैव स्मरणीय रहेंगे। कटारिया ने कहा कि नई पीढी को ओमजी सरीखे व्यक्तित्व से प्ररेणा लेनी चाहिए। इस दौरन कटारिया ने आध्यात्मिक अंदाज में अपनी बात रखते हुए कहा कि आप काम करते रहोंगे तो कोई ईश्वरीय शक्ति जरूर आपकी मदद करेगी। इसी ध्येय निष्ठा के साथ हमें सिर्फ कर्म करते रहना चाहिए।
ओमजी को संघर्ष विरासत में मिला था और वे हर संघर्ष में सफल रहे- गुप्ता

पूर्व विधायक तथा वरिष्ठ अधिवक्ता रामकृष्णदास गुप्ता ने कहा कि ओमजी को संघर्ष विरासत में मिला। यदि ओमजी लोकतंत्र सैनानी थे तो उनके पिता दाउदयाल जी स्वतंत्रता सैनानी थे इसलिए देश व समाज के हित में पिता-पुत्र दोनों ने अपना जीवन होम कर दिया। गुप्ता ने बताया कि उन्होंने ओमजी के 20 से अधिक आंदोलन किए और जनता के हित में संघर्ष किया इसलिए ओमजी जैसा व्यक्तित्व याद करने योग्य है। यदि हम उनके बताए मार्ग पर चलेंगे तो यही उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
गांव-ढाणियों तक संगठन को पहुंचाने का श्रेय ओम आचार्य को- गोदारा
राज्य सरकार के केबिनेट मंत्री सुमित गोदारा ने कहा कि यदि आज पूरे जिले में 7 में 6 विधायक भाजपा के हैँ तो इसका सारा श्रेय भी ओमजी को जाता है क्योंकि उन्होंने गांव ढाणी तक भाजपा को घर घर पहुंचाया। वे एक अच्छे संगठनदृष्टा थे तथा संगठनहित में कड़ी मेहनत करते थे। अधिवक्ता के रूप में भी रेवेन्यू वकील के नाते वे सदैव न्याय के पक्षधर रहे तथा कई गरीब किसानों को राहत दिलाने में उनकी भूमिका रही।
इन्होंने भी रखे विचार
इस दौरान रामझरोखा धाम के महंत महामंडेलश्वर सरजूदास महाराज ने आशीर्वचन दिया। बीकानेर पश्चिम के विधायक जेठानंद व्यास ने कहा कि ओमजी ने पूरा जीवन संगठन को दिया तथा वे समर्पित भाव से हर काम में आगे रहते थे। बीकानेर का जग्गनाथ मंदिर पर बाजार बनने जा रहा था मगर ओमजी ने बीडा उठाया और आंदोलन किया तो मंदिर की जगह बाजार नहीं बन पाया। उन्होंने सदैव कार्यकर्ताओं को आगे बढाया इसलिए वे पूजनीय है। श्रद्धांजलि सभा को विश्वकर्मा कौशल बोर्ड के चेयरमैन रामगोपाल सुथार, डूंगरगढ़ विधायक ताराचंद सारस्वत, खाजूवाला विधायक डा विश्वनाथ मेघवाल, नोखा के भाजपा नेता बिहारीलाल बिश्नोई, शहर भाजपा अध्यक्ष सुमन छाजेड, देहात अध्यक्ष श्याम सुंदर पंचारिया, लोकेश चतुर्वेदी तथा निकिता बोड़ा ने भी विचार रखे। इससे भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष विजय आचार्य ने आयोजन पर प्रकाश डालते हुए सभी अतिथियों का विस्तार से परिचय कराया। ओमप्रकाश आचार्य स्मृति संस्थान के महामंत्री बनवारी लाल शर्मा ने मंच का संचालन करते हुए सबसे पहले आयोजन पर विस्तार से प्रकाश डाला। अंत में संस्थान अध्यक्ष श्रीभगवान अग्रवाल ने सभी अतिथियों का आभार ज्ञापित किया। अंत में सभी लोगों ने ओम आचार्य के चित्र पर पुष्पाजंलि अर्पित की।
ये रहे मौजूद
इस दौरान भाजपा नेता सत्य प्रकाश आचार्य, गोपाल गहलोत, मोहन सुराणा, गोकुल जोशी, राजकुमार किराडू, ब्रह्मदत्त् आचार्य, पं घनश्याम आचार्य, भवानीशंकर आचार्य, पूर्व महापौर नारायण चौपडा, संपत पारीक, सत्यनारायण तिवाडी, किशन चौधरी, प्रदीप उपाध्याय, कैलाश पारीक, डॉ मीना आसोपा, आशा आचार्य, डा. वत्सला गुप्ता, देवकिशन चांडक, मोहम्मद रजमान अब्बासी, हनुमानसिंह चावडा, चन्द्रमोहन जोशी, कमल आचार्य, महेश व्यास, मुमताज अली भाटी,सीताराम भांभू सहित गणमान्य लोग मौजूद रहे। आयोजन को लेकर जगदीश आचार्य, एडवोकेट अविनाश व्यास, राधेश्याम सेवग, सौरभ आचार्य सहित टीम ने भागीदारी निभाई।
