शिक्षा : निदेशालय में जमे है शैक्षणिक कार्मिक, इस संगठन ने फिर उठाई बात - Nidar India

शिक्षा : निदेशालय में जमे है शैक्षणिक कार्मिक, इस संगठन ने फिर उठाई बात

बीकानेर, निडर इंडिया न्यूज। 

शिक्षा निदेशालय में लंबे अर्से से शैक्षणिक कार्मिक जमे है, जबकि यह उन पदों पर बैठे है, जो असल में मंत्रालिक कार्मिकों के होने चाहिए। इस संबंध में पूर्व में कई बार मांग उठती रही है। लेकिन कोई सकारात्मक कार्रवाई नहीं हुई। एक बार फिर से शिक्षा विभागीय कर्मचारी संघ के प्रदेशाध्यक्ष कमल नारायण आचार्य और प्रदेश कोषाध्यक्ष नवरतन जोशी के नेतृत्व में मंगलवार को शिक्षा निदेशक के मुख्यालय से बाहर होने के कारण जगबीर सिंह यादव संयुक्त निदेशक (प्रशिक्षण) को ज्ञापन सौंपा गया। आचार्य के अनुसार इस ज्ञापन के जरिए  शिक्षा विभाग के कार्यालयों को बचावो, शैक्षणिक स्टाफ हटाओ, मंत्रालयिक स्टाफ लगाओ की बात को पूरजोर ढंग से उठाया गया है। इसकी प्रतिलिपि मुख्यमंत्री, शिक्षामंत्री, मुख्य सचिव, शासन सचिव स्कूल शिक्षा, निदेशक माध्यमिक और निदेशक प्रारंभिक शिक्षा को भेजी गई है।
गौरतलब है कि संस्थापन अधिकारियों एवं प्रशासनिक अधिकारियों को स्वतंत्र अनुभाग अधिकारी बनाए जाने है। इस संबंध में पूर्व में शिक्षा निदेशक की ओर से आदेश भी जारी कर शिक्षा निदेशालय सहित सभी कार्यालयों को भेजा जा चुका है, लेकिन पालना नहीं की जा रही है। आचार्य ने आरोप लगाया कि बार-बार पत्र देने के बावजूद शिक्षा प्रशासन ने हठधर्मिता अपना रखी है। ऐसे में इस बार फिर से यह बात उठाई है कि निदेशालय माध्यमिक, प्रारम्भिक शिक्षा बीकानेर, पंजीयक शिक्षा विभागीय परिक्षाऐं, समस्त मण्डल जिला एवं ब्लाॅक कार्यालयों से शैक्षिक संवर्ग के प्रधानाचार्य एवं समकक्ष, व्याख्याता (स्कूल शिक्षा), कोच, पीटीआई, प्रबोधक, वरिष्ठ अध्यापक, अध्यापक आदि समस्त शैक्षिक स्टाफ के पदों को कार्यालयों से समाप्त कर इनके स्थान पर मंत्रालयिक संवर्ग के संस्थापन अधिकारी, प्रशासनिक अधिकारी, अति. प्रशा. अधिकारी, सहायक प्रशा. अधिकारी, वरिष्ठ सहायक, कनिष्ठ सहायकों को कार्यभार दिया जाए।

साथ ही शैक्षिक स्टाफ के समस्त पदों की प्रतिनियुक्तियां कार्यालयों से तत्काल समाप्त कर मूल पदों पर पदस्थापित किया जाए। संगठन ने स्पष्ट करते हुए चेताया है कि कार्यालय कार्य पद्धति एवं शिक्षा के अधिकार नियम की अनुपालना सुनिश्चित करते हुए उक्त मांगे तत्काल स्वीकार कर संघ को 15 दिवस में अवगत कराया जाये। अन्यथा संघ सांगठनिक कदम उठाने पर बाध्य होगा, जिसकी समस्त जिम्मेदारी राज्य सरकार एवं शिक्षा प्रशासन की होगी।

 

 

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