बीकानेर, निडर इंडिया न्यूज।

कोलकाता प्रवासी युवा पंड़ित शिव प्रकाश ओझा(सागर) ने कहा है कि आज भले ही युग सोशल मीडिया का है, लेकिन युवाओं को अपनी संस्कृति से हमेशा जुड़े रहना चाहिए। उसको लेकर यदि कोई भी प्रवचन या ज्ञान की बातें सुनने को मिलती है, तो उसे सकारात्मक लेना चाहिए, यह आगे चलकर जीवन को बेहतर बनाने में मददगार होगी। बीकानेर में नानी बाई रो मायरा की कथा करने आए पंड़ित शिव प्रकाश ओझा से निडर इंडिया खास बातचीत की। इस दौरान उन्होंने बताया कि उनको तो धर्म-कर्म, भागवत कथा में बचपन से ही घर में माहौल मिला है। ऐसे में इस बात की खुशी है और गर्व भी है कि मैं आज भागवत कथा, शिव पुराण और नानी बाई रो मायरा कथा का वाचन कर रहा हूं। इसमें खास लगाव है, रूचि है। दादा गोरखा महाराज और फिर पिता यज्ञाचार्य पंड़ित दाऊ लाल ओझा से धर्म-आस्था और संस्कृति सनातन की जो सीख मिली है, उसी राह पर आगे बढ़ रहा हूं।
अब तक 40 कथाओं का किया वाचन

पंड़ित शिव प्रकाश ओझा ने बताया कि वो कक्षा दसवीं में थे, तब से ही भागवत कथा के प्रति आस्था और रूचि थी। इसके बाद धीरे-धीरे पिता के सान्निध्य में आगे बढ़ता गया, यही वजह है कि अब तक 40 भागवत कथाएं कर चुके हैं। वहीं शिव पुराण और नानी बाई रो मायराे कथाएं अलग है। बीते दिनों कोलकाता महानगर में भी नानी बाई रो मायरो कथा आयोजित की गई थी।
बीकानेर में पहली बार करेंगे कथा
पंड़ित शिव प्रकाश ओझा(भागवत रसयज्ञ) ने बताया कि बीकानेर में पहली बार नानी बाई रो कथा का वाचन करने जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि कथा 18 से 20 अप्रेल तक होगी। ओझा के अनुसार आज युवा पीढ़ी को इस बात को समझ लेना चाहिये कि अपनी पढ़ाई करें, क्योंकि शिक्षा के बिना कुछ नहीं है, लेकिन साथ-साथ ही अपनी संस्कृति, सभ्यता से भी सक्रिय रूप से जुड़े रहे। अपनी सोच को हमेशा ही सकारात्मक रखें।

