बीकानेर थिएटर फेस्टिवल : "शिकस्ता" ने किया भावविभोर, कलाकारों के दमदार अभिनय ने दर्शकों को बांधे रखा - Nidar India

बीकानेर थिएटर फेस्टिवल : “शिकस्ता” ने किया भावविभोर, कलाकारों के दमदार अभिनय ने दर्शकों को बांधे रखा

– पहले दिन चार नाटकों का हुआ मंचन, नुक्कड़ नाटक “यह बच्चों का खेल नहीं” ने छोड़ी छाप

बीकानेर, निडर इंडिया न्यूज।

बीकानेर में शनिवार से रंगकर्म महाकुंभ शुरू हो गया। इसके साथ ही अब पांच दिनों तक बीकानेर में देश के ख्यातनाम रंगकर्मी अपनी कला का प्रदर्शन कर लोगों को अभिभूत करेंगे। बीकानेर में पहले दिन चार नाटकों का मंचन टीएम ऑडिटोरियम, रविन्द्र रंगमंच और टाउन हॉल में किया गया। वहीं “अमित तिवाड़ी के निर्देशन में यह बच्चों का खेल नहीं” नुक्कड़ नाटक भी मंचित किया गया।

अकेलेपन की व्यथा है “शिकस्ता”

लखनऊ की नीपा रंगमंडली के तत्वावधान में शनिवार को सुबह  11:30 बजे से टीएम ऑडिटोरियम में पहले नाटक शिकस्ता का मंचन किया गया। इसके लेखक, निर्देशक सूर्य मोहन कुलश्रेष्ठ थे। जिन्होंने इस नाटक में मृदुला भारद्वाज के साथ में अभिनय भी किया।

नाटक का कथानक वृद्धा अवस्था में होने वाले अकेलेपन पर आधारित था।  दोनों को उनके परिजन वृद्धाआश्रम में छोड़ गए है, आश्रम में भी वो अपने तरह से जिन्दगी जीना चाहते है, लेकिन अकेलापन है। इसी बीच दोनों में एक बारगी दोस्ती हो जाती है, मगर इनमें सबसे बड़ी बाधा है अंहकार। दोनों किसी बात पर हार मानने को तैयार नहीं है, इसी तानेबाने पर नाटक आगे बढ़ता है। इसमें दोनों कलाकार सूर्य मोहन कुलश्रेष्ठ और मृदुला भारद्वाज ने दमदार अभिनय से दर्शकों को अंत तक बांधे रखा।

दूसरा नाटक :  भीड़ भरा एकान्त

दोपहर के सत्र में भीलवाड़ा की रसधारा सांस्कृतिक संस्थान के तत्वावधान में दोपहर 3:00 बजे से टाउन हॉल में लेखक, निर्देशक और परिकल्पना गोपाल आचार्य के नाटक “भीड़ भरा एकान्त” का मंचन किया गया। इसमे कलकारों ने बेहतरीन अभिनय से सभी को मंत्रमुग्द कर दिया। मंच पर अनुराग सिंह राठौड़, शिवांगी बैरवा, हितेश नलवाया, रवि ओझा, दुष्यंत हरित व्यास,शंभू पंवार, प्रो.योगेश, दीपक पारीक, रणजीत सिंह,   स्वप्रिल शर्मा,  दिनेश सोनी, केजी कदम हर्षित, अंकित सहित कलाकारों ने भूमिका अदा की।

तीसरा नाटक : स्वांग-जस की तस

शाम के सत्र में पांच बजे रविन्द्र रंगमंच पर जबलपुर की रंगाभरण सांस्कृतिक एवं सामाजिक संगठन के तत्वावधान में “स्वांग जस की तस” का प्रभावी मंचन हुआ। जबलपुर के रंगकर्मियों की टीम ने अपने अंदाज की अनुठी छाप बीकानेर के दर्शकों पर छोड़ी। रंगकर्मी अक्षय सिंह ठाकुर का लिखे और निर्देशित नाटक में नमन मिश्रा, पूजा केवट अभिषेक गौतम, अनुदीप सिंह ठाकुर, रोहित सिंह सुहेल वारसी, तरुण ठाकुर, हिमांशु पाण्डेय, वंशिका पाण्डेय, अक्षय सिंह ठाकुर, समीर सराठे, राहुल शर्मा, राजकुमार बेन, जतिन राठौड़ पोरी, निमिष माहेश्वरी, ब्रजेन्द्र सिंह राजपूत ने भूमिका निभाई।

चौथा नाटक : बुल्ले शाह का मंचन हुआ

शनिवार को अंतिम नाटक का मंचन रात 7:30 बजे से टाउन हॉल में हुआ। इसमें दिल्ली की सुमुखा रंगमण्डल संस्थान के कलाकारों ने अभिनय से रंग जमाया। प्रताप सहगल के लिखे और अरविन्द्र सिंह ने निर्देशित किए नाटक ने अपनी अमिट छाप छोड़ी। कलाकारों ने भी दर्शकों से भरपूर दाद बटौरी। नाटक में मुख्य रूप से नरेन्द्र कुमार, सिद्धार्थ चौधरी, रघुवीर, स्वाती, अकसा सैफी, अकबर, राघव वत्स, परसून नारायण, सुनील कुमार, रघुवीर, गुलशन राणा, गौरव काकरण, कनष्क सिंह रावत, आकाश, अंकित, मनीष, नाहर सिंह, रमन कुमार सहित कलाकरों ने भूमिका निभाई।

जिला कलेक्टर ने की शुरुआत, बुकलेट का विमोचन और प्रदर्शनी का किया उद्घाटन

जिला प्रशासन, बीकानेर विकास प्राधिकरण तथा उत्तर पश्चिम रेलवे द्वारा अनुराग कला केन्द्र और विरासत, टीएम ऑडिटोरियम, तोलाराम हंसराज डागा चेरिटेबल ट्रस्ट एवं हंशा गेस्ट हाउस के तत्वावधान में आयोजित होने वाला पांच दिवसीय बीकानेर थिएटर फेस्टिवल का उद्घाटन शनिवार को हंशा गेस्ट हाउस में उद्घाटन हुआ। जिला कलक्टर नम्रता वृष्णि इस दौरान मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रही।

इस मौके पर  हंसराज डागा,  जतनलाल दुग्गड़, टोडरमल लालाणी, कमल अनुरागी, विजय सिंह राठौड़ और वरिष्ठ रंगकर्मी आभा शंकर भी अतिथियों के रूप में मौजूद रहे।

जिला कलक्टर ने इस मौके पर कहा कि बीकानेर कला अनुरागी और जीवंत परम्पराओं का शहर है। यहां पर थिएटर फेस्टिवल सरीखे आयोजन कराना सराहनीय कदम है। उन्होंने आयोजक संस्थाओं और रंगकर्मियों की सराहना की। इस मौके पर पांच दिन में होने वाले नाटकों संबंधित एक बुकलेट का लोकार्पण किया।

अतिथियों ने कार्यक्रम की रूपरेखा की जानकारी दी। साथ ही अब तक आयोजित फेस्टिवल्स के बारे में बताया। हंसराज डागा ने कहा कि फेस्टिवल का यह संस्करण सिने अभिनेता राजेंद्र गुप्ता को समर्पित रहेगा।

इस दौरान उन्होंने प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। प्रदर्शनी में बीकानेर के चित्रकारों के विभिन्न शैलियों के चित्र और विभिन्न विधाओं की पुस्तकें रखी गई हैं। जिला कलेक्टर ने इनकी सराहना की और कहा कि इससे युवा पीढ़ी को बीकानेर की समृद्ध संस्कृति की जानकारी हो सकेगी।

इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम का संचालन संचालन संजय पुरोहित ने किया।यह आयोजन जिला प्रशासन, बीकानेर विकास प्राधिकरण और उत्तर-पश्चिम रेलवे के सहयोग से अनुराग कला केन्द्र और विरासत, टीएम ऑडिटोरियम, तोलाराम हंसराज डागा चेरिटेबल ट्रस्ट एवं हंशा गेस्ट हाउस के तत्वावधान् में हो रहा है।

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