बीकानेर : राजस्थानी भाषा को संरक्षण की दरकार, शुरू हुआ चार दिवसीय राजस्थानी संगम,  कलाकारां ने बांधा समां, वक्ताओं ने की सराहना, देखें वीडियो - Nidar India

बीकानेर : राजस्थानी भाषा को संरक्षण की दरकार, शुरू हुआ चार दिवसीय राजस्थानी संगम,  कलाकारां ने बांधा समां, वक्ताओं ने की सराहना, देखें वीडियो

 

बीकानेर,निडर इंडिया न्यूज। 

राजस्थानी भाषा इस प्रदेश के जन-जन की भाषा है। इसको सरकार से मान्यता दिए जाने की आवश्यकता है। इसके लिए सभी भाषा प्रेमियों और आमजन को मिलकर साझा प्रयास करने होंगे। यह बात आज होटल मिलेनियम में शुरू हुए “राजस्थानी संगम-2025” में सामने आई। जहां पर अतिथियों ने इस आयोजन की सराहना करते हुए भाषा मान्यता विषय पर भी मनन किया। शिव-शक्ति साधना पीठ संस्थान और होटल मिलेनियम के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित इस कार्यक्रम का उद्घाटन आज गंगाशहर रोड स्थित होटल मिलेनियम में हुआ। चार दिवसीय कार्यक्रम में राजस्थानी को लेकर कई रंग देखने को मिलेंगे। कार्यक्रम में आने वाले सभी गणमान्यों का साफा पहना कर स्वागत किया गया। इसके बाद नगाड़े पर डंका बजाकर विधिवत शुरुआत की गई।

आज के कार्यकम में मशक वादक शौकिन खान और उनकी टीम ने समां बांध दिया। वहीं मानिनी दाधीच ने राजस्थान लोक नृत्य की दमदार प्रस्तुति देकर सभी को मंत्रमुग्द कर दिया। कार्यक्रम में बतौर अतिथि शामिल हुए प्रादेशिक परिवहन अधिकारी ने अपना संबोधन ठेठ राजस्थानी में शुरू किया, तो पूरा परिसर ही तालियों से गूंज उठा। उन्होंने बताया कि राजस्थानी भाषा बहुत मीठी है।

हम प्रयास करेंगे कि यातायात जागरूकता के संदेश राजस्थानी भाषा में प्रसारित किए जाए, उन्होंने राजस्थानी लेखक व कवियों से सड़क सुरक्षा विषय पर नाटक और गीत लिखने के लिए भी कहा। उन्होंने कहा कि अच्छे गीतों को कंपोज करवाना और नाटकों को प्रदर्शित करवाने में जो भी राशि व्यय होगी वो परिवहन विभाग वहन करेगा। साहित्यकार कमल रंगा ने कहा इस कार्यक्रम की परिकल्पना को उत्साहजनक बताते हुए कहा कि इससे राजस्थानी भाषा का वातावरण बनेगा सरकार को अतिशीघ्र राजस्थानी को मान्यता देनी चाहिए।

शिवशक्ति साधना पीठ के जगनमोहन किराडू ने कहा कि अपनी भाषा व संस्कृति से जुड़कर जी व्यक्ति वास्तविक विकास कर सकता है, अगर हमें खुद को समझना है तो जड़ों की तरफ लौटना पड़ेगा। उद्यमी कन्हैयालाल बोथरा ने भाषा मान्यता की पैरवी करते हुए कहा कि आज असल मायने में सभी को मिलकर इसके लिए प्रयास करने होंगे, इतनी मधुर और गहरी भाषा होने के बाद भी आज इसे उपेक्षित सा समझा जाता है, इसके लिए सभी जन प्रतिनिधियों का सहयोग लिया जाएगा। उन्होंने कहा की यह तो जन-जन की भाषा है। बोथरा ने राजस्थानी संगम कार्यक्रम की सराहना करते हुए हर संभव सहयोग की बात कही। समारोह से जुड़े मधुसूदन अग्रवाल ने बताया कि पहली रंगमंच, साहित्य एवं लोक-सांस्कृतिक कार्यक्रम के जरिए राजस्थानी भाषा के संरक्षण के लिए प्रदेश भर के कलाकारों का यह संगम हो रहा है। कार्यक्रम संचालन पत्रकार, साहित्यकार हरीश बी शर्मा ने राजस्थानी भाषा में बेहद अनुठे अंदाज में किया।

हास्य नाटक दुनारी बाई का मंचन कल

आयोजन से जुड़े हास्य कलाकार के.के.रंगा ने बताया कि समारोह के दूसरे दिन शाम 4 बजे होटल मिलेनियम में राजस्थानी भाषा व साहित्य पर परिचर्चा होगी इसके बाद शाम 6:30 बजे टी एम ऑडिटॉरियम में हास्य नाटक दुलारी बाई का मंचन किया जाएगा। वहीं तीसरे दिन शाम को बीकानेर के कवि, साहित्यकारों और हास्य कलाकारों के लिए खुला मंच (ओपन माईक) का आयोजन लालगढ़ स्थित द नीम कोर्टयार्ड में शाम 4 बजे होगा। उन्होंने बताया कि कार्यक्रम के अंतिम दिन शाम 5 बजे राजरंगा बगेची में सांस्कृतिक कार्यक्रम और सम्मान समारोह होगा जिसमें प्रदेश भर से आमंत्रित सोशल मीडिया के हास्य कलाकारों का सम्मान किया जाएगा। आयोजन समिति के सदस्य सुनील जोशी, उत्तम सिंह, सौरभ आचार्य, अशोक व्यास, अमित सोनी, सुरेश पारीक, राहुल चावला, आयुष्मान व्यास आदि ने सक्रिय भागीदारी निभाई।

उद्घाटन समारोह में इरशाद अज़ीज़, राजाराम स्वर्णकार, संजय आचार्य, गिरिराज खेरीवाल, ज्योति स्वामी, विनीता शर्मा, डॉ. अजय जोशी, हरिराम विश्नोई, प्रशांत जैन, प्रमोद आचार्य, अब्दुल सकूर सिसोदिया, बाबूलाल छंगाणी, मुकेश पुरोहित, रमेश बिस्सा, कौशलेश गोस्वामी, प्रदीप कोचर, राहुल आचार्य, विष्णु नायक, नमामि शंकर आचार्य, पलक गहलोत, निशा कुमावत, अमनदीप, अमर खंडेलवाल, श्रीमोहन किराडू, महेंद्र जोशी सहित शहर के कई गणमान्य लोग शामिल हुए।

 

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