

बीकानेर,निडर इंडिया न्यूज।
“नंद के आनंद भयो जय कन्हैयालाल की, हाथी दीजे घोड़ा दीजे और दीजे पालकी…जय हो नंदलाल की…सरीखे जयकारों से आज गजनेर स्थित भट्ठड़ निवास परिसर गूंज उठा। अवसर था यहां चल रही भागवत कथा में कृष्ण जन्म प्रसंग की व्याख्या का। कृष्ण के जन्म पर श्रद्धालुओं ने बधाई बांटी। थालियां बजाकर कान्हा के आने की खुशी जताई। आज कई प्रसंगों की व्याख्या हुई। सजीव झांकी में दिनेश भट्ठड़ ने नंद बाबा का स्वरूप धरा।
कथा वाचक पंड़ित दुर्गादत्त व्यास ने अजामिल उपाख्यान, समुद्र मंथन, नृसिंह अवतार, राम जन्म, राम अभिषेक, कष्ण जन्म सहित चरित्रों की सप्रसंग व्याख्या की। उन्होंने कहा कि भागवत कथा श्रवण से मोक्ष की प्राप्ति होती है। यह मोक्ष की ओर ले जाने वाला मार्ग है। व्यास ने कहा कि जहां भक्त होगा, वहां भगवान आएंगे, क्योंकि भगवान तो भक्त की भक्ति के वश में है। इसलिए सत्संग करना जरूरी है। आयोजन को लेकर कोलकाता प्रवासी सूरजकरण भट्ठड़, चंद्रप्रकाश, दिनेश भट्ठड़ भागीदारी निभा रहे हैं।
कथा सुनने के लिए कोलकाता, सूरत सहित महानगरों से श्रद्धालु गजनेर आए हैं। कोलकाता के सामाजिक कार्यकर्ता नारायण भूतड़ा भी विशेष रूप से कथा श्रवण के लिए यहां पहुंचे हैं। पंड़ित अमरचंद पुरोहित और माधव व्यास ने व्यासपीठ का पूजन यजमानों से कराया। संगीतमय कथा में नरोत्तम रंगा एंड पार्टी भजनों की प्रस्तुतियां दे रहे हैं। वहीं ख्यातिनाम गायक सांवर लाल रंगा (घोटा महाराज) ने अपनी खास शैली में “हे री सखी मंगल गावो रे…” भजन सुनाकर सभी को मंत्रमुग्द कर दिया।
महाआरती में शामिल हुए श्रद्धालु
आज चतुर्थ दिन की कथा के अंत में भागवतजी की महाआरती हुई। इसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने भागीदारी निभाई। इसमें श्रद्धालुओं ने बचढ़कर भाग लिया।
