बीकानेर, निडर इंडिया न्यूज।

शिक्षा विभागीय कर्मचारी संघ बीते 50 दिनों से लगातार डीपीसी की मांग उठा रहा है, इसके बावजूद शिक्षा विभाग प्रशासन के कान पर जू तक नहीं रेंगी। आज संगठन के पदाधिकारियों निदेशक के समक्ष रोष जताया। बीकानेर के प्रदेशाध्यक्ष कमल नारायण के नेतृत्व में निदेशक से मिलने पहुंचे कार्मिकों की बात सुनने के बाद निदेशक ने शिक्षा शासन सचिव कृष्ण कुणाल से वार्ता की।
संगठन के पदाधिकारी मंत्रालयिक संवर्ग के वरिष्ठ सहायक, सहायक प्रशासनिक अधिकारी, अतिरिक्त प्रशासनिक अधिकारी, प्रशासनिक अधिकारी एवं संस्थापन अधिकारी पदों पर रिव्यू नियमित डीपीसी, पूर्व में की गई अनियमितताओं की जांच कर दोषी स्तरों पर कार्यवाही करने और पदोन्नति में पदस्थापन आन-लाइन काउन्सलिंग प्रक्रिया के माध्यम से करने की मांग को लेकर धरना दिया जा रहा है।

आचार्य ने बताया कि शिक्षा निदेशक सीताराम जाट से आज दोबारा वार्ता कर विभाग की ओर से मंत्रालयिक संवर्ग की डीपीसी नहीं करने पर आक्रोश जताया। निदेशक ने शासन सचिव कृष्ण कुणाल और शिक्षा गु्प-2 के संयुक्त शासन सचिव मनीष गोयल से वार्ता की। आचार्य ने बताया कि शिक्षा निदेशक से वार्ता के बाद कार्मिक सचिव कृष्ण कुमार पाठक से मोबाइल पर सीधा वार्ता कर शिक्षा विभाग की ओर से प्रशासनिक अधिकारियों की रिव्यू डीपीसी के लिए प्रेषित प्रस्ताव पर तुरंत निर्णय लिया।
शिक्षा विभागीय कर्मचारी संघ राजस्थान बीकानेर के प्रदेशाध्यक्ष कमलनारायण आचार्य, जितेन्द्र गहलोत धरने में शामिल हुए। समर्थन में राजेश व्यास पारीक, नवरतन जोशी, राजेश व्यास, ओम प्रकाश बिश्नोई, श्याम सुन्दर ओझा वरिष्ठ नेता, भारत भूषण हर्ष, सोम प्रकाश आचार्य, राम रतन व्यास, उमेश आचार्य, गोविन्द नारायण श्रीमाली, सालगराम उपाध्याय, कैलाश ओझा, आर.सी. बाल्मिकी (चन्द्र हिन्दुस्तानी) आदि शामिल रहे।

