बीकानेर,निडर इंडिया न्यूज।




आने वाले दिनों में मौसम अपने रंग बदल सकता है। तापमान में गिरावट आने की संभावना जताई है। इसको देखते हुए मौसम विभाग ने किसानों के लिए एडवाइजरी जारी की है। कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक कैलाश बिश्नोई ने बताया कि मौसम विभाग की ओर से तापमान में गिरावट की संभावना व्यक्त की गई है इसको देखते हुए सरसों, चना, गेहूं, उद्यनिकी सब्जियों व बगीचों में पाले से नुकसान हो सकता हैं।
सर्दी के मौसम में जिस दिन दोपहर के पहले ठंडी हवा चल रही हो व हवा का तापमान अत्यंत कम होने लग जाए और दोपहर बाद अचानक हवा चलना बंद हो जाए तब पाला पड़ने की संभावना बढ़ जाती है। पाले के कारण पौधों की कोशिकाओं में उपस्थित जल जमने से कोशिका भित्ति फट जाती है, जिससे पौधे की पत्तियां, कोंपले, फूल, फल क्षतिग्रस्त हो जाते हैं।
यह करें जतन…


कृषि अधिकारी उद्यान मुकेश गहलोत ने बताया कि किसान रबी फसलों, सब्जियों व बगीचों को पाले से बचाने के लिए फसल पर पाला पड़ने की संभावना दिखाई देते ही 0.1 प्रतिशत व्यापरिक गंधक के तेजाब का छिड़काव कर सकते हैं।
रबी फसलों को पाले से बचाव हेतु थायोसेलिसिलिक अम्ल 100 पीपीएम (0.1एमएल/ली.) अथवा थायोयूरिया 500 पीपीएम (0.5 ग्राम/ली.) अथवा घुलनशील गंधक 0.2 प्रतिशत (2ग्राम/ली.) पानी के घोल का छिड़काव करें। यदि पाला लगातार पड़ रहा हो तो 15 दिन में पुनः छिड़काव करें।
पाला पड़ने की आशंका को देखते हुए फसलों में हल्की सिंचाई की सलाह दी गई है जिससे जमीन का तापमान एकदम से कम नहीं हो।
नवस्थापित फलदार बगीचों में पौधों को पाले से बचाने के लिए टाट, बोरी या घासफूस आदि से ढ़ककर या टाटी बनाकर सुरक्षा करें। इन उपायों को अपनाकर किसान अपनी फसलों को पाले के नुकसान से बचा सकते हैं।
