बीकानेर,निडर इंडिया न्यूज।




किसी भी चीज का इंतजार करने की एक सीमा होती है, लेकिन उस समय के बीतने के बाद भी जब होने वाला काम नहीं होता, तो यह तय है कि इंतजार करने वालों को मजबूरन कोई और रास्ता अपनाना पड़ता है। यहां बात कर रहे हैं शिक्षा विभाग में कार्यरत मंत्रालियक संवर्ग की नियमित डीपीसी की। विभागीय स्तर की महज एक प्रक्रिया पर लालफीताशाही इतनी हावी है कि बीते 22 दिन से शिक्षा विभागीय कर्मचारी संघ के तत्वावधान में शिक्षा निदेशालय के समक्ष डीपीसी के मुद्दे को लेकर धरना दिया जा रहा है। बड़ी संख्या में कार्मिक धरने पर है, उच्च स्तर तक बात पहुंचाई गई है। लेकिन अभी तक इस मसले का कोई स्थायी और सकारात्मक समाधान विभाग को नहीं मिला।
अब पूर्व घोषित कार्यक्रम के अनुसार संगठन स्तर पर 28 नवंबर को जयपुर में शासन सचिवालय से सीएम और राज्यपाल के आवास तक पैदल मार्च निकाला जाएगा। संगठन के प्रदेशाध्यक्ष कमल नारायण आचार्य ने बताया कि स्कूल शिक्षा विभाग में मंत्रालयिक संवर्ग को रिव्यु एवं नियमित डीपीसी और ऑनलाईन काउंसलिंग के माध्यम से पदौन्नति पर पदस्थापन के लाभ से किया वंचित रखा जा रहा है, इससे हजारों कर्मचारियों को करीब 5000 से 8000 रुपए प्रतिमाह का नुकसान उठाना पड़ रहा है। इससे शिक्षा विभाग के मंत्रालयिक कर्मचारियों में भारी आक्रोश है।
आचार्य ने बताया कि समस्त उच्च स्तरों को ईमेल से पुनः ज्ञापन प्रेषित कर अवगत करवा दिया गया है कि 25 नवंबर तक मांगे मानकर संघ को सूचित नहीं किया गया है अतः पूर्व घोषित कार्यक्रम के तहत आन्दोलन का आगामी चरण 28 नवंबर (गुरूवार) को सुबह 11.00 बजे से शासन सचिवालय जयपुर से मुख्यमंत्री आवास और राज्यपाल के आवास तक पैदल मार्च निकाला जाएगा। मांगे माने जाने तक निदेशालय पर अनिश्चितकालीन धरना जारी रहेगा।


कमलनारायण आचार्य प्रदेशाध्यक्ष एवं मदन मोहन व्यास प्रदेश संस्थापक की अगुवाई में दिये जा रहे धरने के समर्थन में महेन्द्र पाण्डे प्रदेश महामंत्री राजस्थान प्राथमिक माध्यमिक शिक्षक संघ, कोडाराम भादू प्रदेशाध्यक्ष स्कूल एजुकेशन वेलफेयर एसोसिएशन, राजेश व्यास, गोविन्द नारायण श्रीमाली, जितेन्द्र गहलोत, ब्रजरतन पंचारिया, विष्णुदत पुरोहित, नवरतन जोशी, खेमचन्द खत्री, रामचन्द्र बाल्मिकी, कैलाश ओझा, सुनील कुमार सिडाणा, राजेश पारीक, अशोक सिंह, अब्दुल गफूर, राजेश देवड़ा, शरद चैधरी, रामरतन व्यास, भगवत चन्द पुरोहित, रामसिंह, मनीष कुमार रंगा, गोविन्द सिंह, मनीष शर्मा, आदि शामिल रहे।
