बीकानेर,निडर इंडिया न्यूज।
आज सुबह करीब 10:10 बजे शंटिंग मास्टर से लालगढ़ स्टेशन मास्टर को सूचना मिली कि यार्ड में ट्रेन हादसा हुआ है, इसमें एक स्लीपर कोच दूसरे के ऊपर चढ़ गया है। इसमें रेलवे स्टाफ और ठेकेदार के हेल्परों को गंभीर चोट लगने की सूचना मिली, साथ ही नियंत्रण कक्ष से आपदा प्रबंधन के लिए तुरंत आदेश जार किया।
चौंकिएगा नहीं! यह कोई असल हादसा नहीं, बल्कि सुरक्षा बंदोबस्त को परखने के लिए रेलवे की ओर से आज मॉक ड्रिल की गई थी। इसके लिए लालगढ़ स्टेशन के यार्ड में एक दृश्य तैयार किया गया था, इसमें एक स्लीपर कोच को दूसरे स्लीपर कोच के ऊपर चढ़ गया, इस दौरान घायलों को निकाले और बचाव दल की टीमों ने तुरंत बचाव कार्य शुरू किया। इसमें बाकायदा पूरा दृश्य हादसा स्थल का साकार किया गया।
हूटर बजने के साथ ही सेल्फ प्रोपेल्ड एक्सीडेंट रिलीफ ट्रेन(SPART) और दुर्घटना राहत गाड़ी(एआरटी) को ऑर्डर कर घटना स्थल लालगढ़ स्टेशन यार्ड (लाइन नम्बर 12 )के लिए रवाना किया गया। दुर्घटना की गंभीरता को देखते हुए सभी सहयोगी राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ )राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) रेलवे अस्पताल लालगढ़, राजकीय अस्पताल बीकानेर, अग्निशमन विभाग,स्काउट गाइड और सिविल पुलिस बल को सहयोग के लिए तत्काल सूचित किया गया, जो कि घटना स्तर पर सहयोग के लिए अपने संसाधनों के साथ शामिल हुए और बचाव कार्य में सहयोग किया।
इसमें एनडीआरएफ की टीम ने सूझबूझ में अत्याधुनिक तकनीकी मशीनों से कार्रवाई करते हुए राहत एवं बचाव कार्यों में महती भूमिका निभाने का प्रदर्शन किया। एनडीआरएफ की टीम ने लाउडस्पीकर से घोषणा की गई, कि हमारी टीम ने सभी फंसे हुए घायलों को सकुशल बाहर निकाल लिया जाएगा आप धैर्य बनाए रखें और अपना सहयोग प्रदान करें।
वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक भूपेश यादव ने बताया कि इस प्रक्रिया में आर ई ( रेलवे विद्युतीकरण) स्टाफ और ठेकेदार के हैल्पर दोनों को मिलाकर कुल 47 व्यक्ति घायल हुए जिनको बाहर निकालकर उपचार किया गया। इसमें कुछ घायलों को निजी प्राइवेट हॉस्पिटल और सरकारी अस्पताल में भी उपचार के लिए एंबुलेंस के माध्यम से भेजा गया। इस मॉकड्रिल में 7 एम्बुलेंस पहुंची जो रेलवे,राजकीय और प्राइवेट हॉस्पिटल, 108 एंबुलेंस की सर्विस शामिल हुई।
चिकित्सा विभाग की और से घरेलू की एक सूची तैयार की गई जिसमें रेलवे स्टाफ के घायल वह ठेकेदार के हेल्परों के नाम लिखे एवम निश्चित किया कि कोई भी घायल अब इन कोचों में नहीं बचा है। इस पूरी प्रक्रिया की ड्रोन कैमरे की सहायता से निगरानी और फोटोग्राफी की गई सिग्नल,टेलीकॉम विभाग की और घटनास्थल से लाइव प्रसारण किया गया जिसकी मंडल कार्यालय और मुख्यालय के डिजास्टर मैनेजमेंट रूम में बैठे अधिकारियों ने निगरानी रखी गई इसके लिए हेल्पलाइन काउंटर खोले गए और टेलीफोन नंबर दिए गए जिन्हें चेक भी किया गया।
अपर मंडल रेल प्रबंधक रुपेश कुमार ने कंपनी कमांडर एनडीआरफ योगेश मीणा, कंपनी कमांडर एसडीआरएफ किशनाराम वह उनकी टीम का आभार किया। भविष्य में इस प्रकार की एक्सरसाइज में इसी जॉब्स के साथ सहयोग की आशा जताई वरिष्ठ मंडल संरक्षण अधिकारी रन सिंह गोदारा ने भी इस मॉक एक्सरसाइज के लिए सभी का तहेदिल से आभार प्रकट किया।