आस्था : डूबते सूरज को दिया अर्ध्य, विधि विधान से किया पूजन, मनाया छठ पूजा पर्व, देवीकुंड सागर तालाब पर मेले सा रहा माहौल, आईजी ओमप्रकाश हुए शामिल - Nidar India

आस्था : डूबते सूरज को दिया अर्ध्य, विधि विधान से किया पूजन, मनाया छठ पूजा पर्व, देवीकुंड सागर तालाब पर मेले सा रहा माहौल, आईजी ओमप्रकाश हुए शामिल

बीकानेर,निडर इंडिया न्यूज।

“केलवा के पात पर उगेलन सुरुज मल झांके ऊंके…हो करलु छठ बरतिया से झांके ऊंके…सरीखे छठ मैया के गीतों से आज देवीकुंड सागर तालाब परिसर गूंज उठा। अवसर था श्री सरस्वती पूजा समिति के तत्वावधान में मनाए गए महापर्व छठ पूजा महोत्सव का। इसमें बिहार, पूर्वी उत्तर प्रदेश, पूर्वी बंगाल और झारखंड के प्रवासियों ने धूमधाम से भागीदारी निभाई। व्रती महिलाओं ने आज डूबते सूरज कोअर्घ्य दिया। इसके बाद परम्परा के अनुसार विधिविधान से सूरज भगवान की पूजा-अर्चना कर परिवार के लिए खुशाहाली, समृद्धि की कामना की। व्रतधारी महिलाओं ने  मनोकामना पूर्ण होने पर कोशी भरी।

श्री सरस्वतती पूजा समिति के सचिव डॉ.आरपी सिंह ने बताया कि श्रद्धा, भक्ति और भाईचारे का प्रतीक स्वस्थ, समृद्धि विशेष रूप से जल में खड़े रहकर छठ महापर्व पर प्रार्थना की गई। उन्होंने बताया कि बीकानेर में करीब 200 परिवार यह पर्व मनाने के लिए तालाब पर एकत्रित हुए। महापर्व डाला छठ के दूसरे दिन बुधवार को खरना व्रत के साथ ही 36 घंटे का निर्जला निराहार व्रत शुरु हुआ था। जहां छठ व्रतियों ने खरना के साथ व्रत की शुरुआत की और भगवान सूर्य देव की आराधना की।

आज गुरुवार को अर्घ्य का सूप सजाया गया और छठ व्रती सपरिवार और पड़ोस के सारे लोग डूबते सूर्य को अर्घ्य देने के लिए घाट पर पहुंचें। इसके साथ छठी मैया की प्रसाद भरे सूप से पूजा की गई। भगवान सूर्य को जल एवं दूध का अर्घ्य दिया गया।

आरपी सिंह के अनुसार महापर्व छठ का आज तीसरा दिन है। व्रती बीते 24 घंटे से निराहार है।व्रती और श्रद्धालु अपने घर से बांस की सूपती या डागरा (बांस का गोलाकार बनी बस्तु) में ठेकूआ,भूशवा की समिस ,काजू ,बादाम,छूहारा ,लैंग,ईलाइची,टाभ नीबू, शरीफा ,अदरख पत्ता सहित,गन्ना ,नारियल ,सेब,नारंगी  ,पानी फल आदि सामग्रियों को सजाकर रखा।लाल कपड़ा से ढक कर बांस की टोकरी में रखकर तालाब के किनारे लाए। जहां पहले से केले का पौधारोपण ओर गन्ना रोपण किया गया।

गंगा जल का छिड़काव  कर टोकरी से प्रसाद  से भरी सूपती को निकाल कर रखा। महिलाओं ने आँचल में सिंदूर लगाकर पानी में सूपती लेकर खड़ी होकर डूबते सूर्य भगवान को अर्ध दिया। पूजा अर्चना, छठ मैया के गीतों की स्वर लहरियों के बीच आतिशबाजी कर खुशी का इजहार किया।  परिवार के अन्य सदस्य एक दूसरे श्रद्धालुओं ने भी अर्ध दिया। आज दवीकुंड सागर को विशेष रूप से सजाया गया है।सूर्य भगवान की मूर्ति भी लगायी,जो लोगों को दूर से ही आकर्षित कर रही है। सभी श्रद्धालू अपने अपने पूजा स्थल को पूरी तरह सजाया है। बच्चे आतिशबाज़ी में लगे है। इस अवसर पर आईजी ओम प्रकाश  बीकानेर  संभाग भी शामिल हुए।

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