बीकानेर, निडर इंडिया न्यूज।
‘मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य योजना’ जैसी कल्याणकारी योजना का फायदा उठाना है, तो इसके लिए 31 अक्टूबर से पहले पंजीयन करवा ले। इसके बाद 1 नवम्बर से ही फायदा उठा सकते हैं। पंजीयन करवाने का अब 1 सप्ताह ही शेष है। अब 31 अक्टूबर तक पंजीकरण नहीं करवाने वाले परिवारों को योजना का लाभ लेने के लिए 3 माह का इंतजार करना पड़ेगा।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.राजेश कुमार गुप्ता ने बताया कि योजना में जिले के अब तक अपंजीकृत वंचित परिवार स्वयं की एसएसओ आईडी या ई-मित्र के माध्यम से अपना पंजीकरण करवा लें, ताकि 1 नवम्बर से योजना का लाभ मिल सके। जिनका रिन्यू करवाना शेष है वे रिन्यू करवा लेवें। 31 अक्टूबर के बाद रजिस्ट्रेशन करवाने पर नियमानुसार 3 महीने बाद यानी 1 फरवरी 2025 से योजना का लाभ मिल सकेगा। उन्होंने बताया कि चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर की मंशा है कि अधिकाधिक जन इस योजना में पंजीयन करवा कर आगामी दिनों में इलाज के भारी-भरकम खर्च और चिंताओं से मुक्त हो।
डिप्टी सीएमएचओ स्वास्थ्य डॉ.लोकेश गुप्ता ने बताया कि पंजीयन करवाने के बाद उन्हें व परिवारजनों को 25 लाख रूपये का निशुल्क इलाज मिल सकेगा। साथ ही 10 लाख रूपए का दुर्घटना बीमा भी निशुल्क मिलेगा। योजना के तहत जिले में गत 6 माह में 83 हजार से अधिक लाभार्थियों को 58 करोड़ रुपए से अधिक की ऑपरेशन व भर्ती सेवाएं प्रदान की जा चुकी है।
मात्र 850 रूपए मे पूरे परिवार का स्वास्थ्य बीमा
योजना के जिला कार्यक्रम समन्वयक ईशान पुष्करणा ने बताया कि योजना में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा, सामाजिक-आर्थिक जनगणना-2011, लघु एवं सीमांत किसान, संविदाकर्मियों और कोविड-19 अनुग्रह राशि प्राप्त करने वाले निराश्रित एवं असहाय परिवारों के लिए बीमा का प्रीमियम सरकार वहन कर रही है। अन्य सभी परिवार मात्र 850 रूपए प्रीमियम जमा करवाकर इस योजना से जुड़ सकते हैं।
आमजन इस योजना से जुडे जिले के 27 सरकारी व 9 निजी अस्पतालों सहित राज्य भर के 1,700 से अधिक सूचीबद्ध अस्पतालों में कैशलेस इलाज की सुविधा प्राप्त कर सकेंगे। योजना अंतर्गत कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों के लिए डे केयर पैकेज जोड़े गए हैं। इसके सहित कुल 1,806 उपचार पैकेज से निशुल्क इलाज किया जा रहा है। लघु एवं सीमांत किसान, संविदाकर्मियों तथा कोविड-19 अनुग्रह राशि प्राप्त परिवारों का प्रीमियम तो सरकार वहन कर रही है परंतु उन्हें प्रतिवर्ष निशुल्क पंजीकरण कराना आवश्यक है।