स्वास्थ्य : रेजिडेंट डॉक्टरों की हड़ताल, बेहाल हो रहे मरीज, पीबीएम में चरमराई व्यवस्थाएं, सीनियर डाक्टरों की लगाई ड्यूटी - Nidar India

स्वास्थ्य : रेजिडेंट डॉक्टरों की हड़ताल, बेहाल हो रहे मरीज, पीबीएम में चरमराई व्यवस्थाएं, सीनियर डाक्टरों की लगाई ड्यूटी

बीकानेर, निडर इंडिया न्यूज। 

राजस्थान के जूनियर रेजिडेंट डॉक्टर एक बार फिर से हड़ताल पर है। ऐसे में प्रदेशभर में स्वस्थ्य सेवाएं प्रभावित हो रही है। मरीजों का दबाव बढ़ता जा रहा है। मौसमी बीमारियां लगातार फैल रही है। ऐसे में रेजिडेंट की हड़ताल से हालात बदतर है। जयपुर के एसएमएस सरीखे अस्पताल में भी ऑपरेशन टालने पड़ रहे हैं। आपताकालीन सेवाएं भी प्रभावित है।

बीकानेर में सभी 550 रेजिडेंट हड़ताल पर

बीकानेर में संभाग के सबसे बड़े अस्पताल पीबीएम की स्थिति विकट हो गई है। यहां पर 550 रेजिडेंट है, जो सभी हड़ताल में उतर आए है। इस कारण सभी वार्डों में स्थिति बिगड़ती जा रही है। वार्डों में मरीजों की भीड़ है, लेकिन उनकी सार संभाल करने के लिए चुनिंदा डाक्टर ही है, जो सीनियर डॉक्टर है, वो ही उपचार कर रहे हैं, जबकि वार्डों में एक-एक बैड बल्कि फर्श भी मरीज बैठे हैं। आपातकालीन में एक भी रेजिडेंट आज ड्यूटी पर नहीं गया। वहीं ओपीडी, ऑपरेशन, आईसीयू, महिला वार्ड सहित किसी भी विभाग में रेजिडेंट डाक्टर नहीं गए। इस कारण स्वास्थ्य सेवाए पूरी तरह से चरमरा सी गई है।

सीनियर डाक्टर लगाए हैं

पीबीएम अस्पताल के अधीक्षक के अनुसार आपतकालीन व्यवस्था की है। इसमें सीनियर डाक्टर लगाए है। सभी विभागों की छुटिटयां रद्द की है। डेंगू का वार्ड में बैड बढ़ाएं है। सीएमएचओ को भी पत्र लिखकर चिकित्सा अधिकारी मांगे है। जूनिरयर रेजिडेंट हड़ताल पर है, लेकिन सीनियर और इंटर्न करने वालों से भी काम लिया जा रहा है।

यह मुख्य मांगे

बीकानेर रेजिडेंट डाक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ.अभिजीत यादव के अनुसार हमारी मुख्य मांगे पूरी नहीं हुई है। यादव ने बताया कि सबसे अहम है हमारी सुरक्षा। इसमें रात के समय ड्यूटी करने वाली महिला चिकित्सकों को सुरक्षा और वाहन उपलब्ध कराया जाए। रात के समय रोशनी की पर्याप्त व्यवस्था की जाए। वार्डों में ड्यूटी डाक्टरों के लिए ड्यूटी रूम अलग से हो, जिनमे मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराई जाए। महिला और पुरुष् चिकित्सकों के लिए अलग-अलग ड्यूटी रूम हो इस तरह की आठ मांगों पर सहमति नहीं बनने तक हड़ताल जारी रहेगी। गौरतलब है कि प्रदेशभर में स्वास्थ्य व्यवस्था बेपटरी हो गई है।

मच्छरों ने जमाया डेरा

एक तरफ डाक्टरों की हड़ताल। दूसरी तरफ जिले में फैलता डेंगू। इस पर भी मरीजों के लिए तीसरी बड़ी मुश्किल है, पीबीएम परिसर में फैले मच्छर। संभाग के सबसे बड़े अस्पताल में गंदगी का आलाम यह है कि वहां हर समय मच्छरों ने डेरा रहता है। पीबीएम परिसर में मच्छरों ने लोगों का जीना दुभर कर रखा है। बीमारियां भी लगातार फैल रही है। इसके बावजूद स्वास्थ्य विभाग उदासीन है। अस्पताल में जहां-तहां गंदगी फैली है, उन पर  मंडराते मच्छर बीमारियां बढ़ाने का संकेत ही दे रहे हैं।

 

 

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