बीकानेर, निडर इंडिया न्यूज।




धरू चरण कमल का ध्यान, देवो वरदान, माहे शिवरानी जय-जय जगदम्ब भवानी…सरीखे भजनों की स्वर लहरियों से आज पोकरण स्थित मां आशापुरा का मंदिर गूंजायमान हो उठा। अवसर था बीकानेर से पहुंचे श्रद्धालुओं की रेलमपेल का। बीकानेर से 15 अक्टूबर को तीन दर्जन से भी ज्यादा बसें रामदेवरा में दर्शन के लिए गई थी।
जहां पर पंड़ित जुगल किशोर ओझा(पुजारी बाबा) के सान्निध्य में कल शाम को बाबा रामदेवजी का पूजन और महाप्रसादी करने के बाद आज(गुरुवार) को दर्शानार्थियों की सभी बसें मां आशापुरा के मंदिर में पहुंची। जहां पर माता के दरबार में धोक लगाने के बाद भजनों की प्रस्तुतियां दी। मंदिर परिसर में जुगल किशोर ओझा(पुजारी बाबा) ने मां आशापुरा के पारम्परिक भजन सुनाए, तो साथ में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने भी टेर लगाई। आस्थावान लोगों की करतल ध्वनि से मां आशापुरा का दरबार पूरा भक्तिमय हो गया। मंदिर में मेले सा माहौल बन गया।
यहां भी लगाते है धोक


पुजारी बाबा के सान्निध्य में रामदेवरा से रवाना होने वाली बसों के श्रद्धालु आशापुरा में धोक लगाने के बाद फलोदी स्थित लटियाल माता, बाप के भैरुंजी, कोलायत में कपिल मुनि के दर्शन करते हुए बीकानेर पहुंचते हैं। इस बीच तीन दिन रामदेवरा में बीकानेर के लोगों की रेलमपेल से मेले सा माहौल रहा। सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालुओं ने बाबा रामदेवजी के दरबार में हाजिरी लगाई। आस्थावान लोगों ने इस धार्मिक यात्रा की सराहना करते हुए इसे अनूठा बताया।
पूड़ी-सब्जी की सेवा
आशापुरा माताजी मंदिर में जब बसों से श्रद्धालु पहुंचे, तो यहां पर बीकानेर के सेवादारों की ओर से सब्जी और पूड़ी की सेवा दी गई। इसमें बीकानेर से बड़ी संख्या में आए सेवादारों ने भागीदारी निभाई। गौरतलब है कि बीते कई समय से हर साल शरद पूर्णिमा के दिन पुजारी बाबा के नेतृत्व में बसों से श्रद्धालु आ रहे हैं, यहां पर बीकानेर के सेवादार सब्जी पूड़ी की सेवा दे रहे हैं। वहीं मंदिर परिसर के आगे अन्य सेवादारों ने शीतल जल, चाय इत्यादि की सेवा भी दी।
