बीकानेर,निडर इंडिया न्यूज।
लोक गीतों के सुरीले बोल। खड़ताल की ताल और विदेशी धरती से आई नृत्यांगना के साथ ठेठ राजस्थानी अंदाज में अनुठी जुगलबंदी। देखने सुनने वाले भी रोमांचित हो उठे। अवसर था राजस्थान कबीर यात्रा के पूगल पड़ाव का। कलाकारों ने स्वर-ताल की ऐसी तान छेड़ी की धोरों की धरती भी कबीर वाणी से आज साकार हो उठी। मानो फिजाओं में कबीर की वाणी के साक्षात स्वर गूंज रहे हो।
अन्तरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त जैसलमेर के गाजी खान और उनके ग्रुप ने डेजर्ट सिम्फनी की ऐसी दमदार प्रस्तुति दी की श्रोता जोश, उत्साह से सराबोर हो गए। कार्यक्रम का आगाज गाजी ने अपनी विशेष गायन शैली से किया। इनके ग्रुप के साथ इंग्लैड से आई नृत्यागना “लुईस रोज” ने बेहतरीन सूफियाना वर्लिंग डांस की प्रस्तुति दी। राजस्थानी लोक गीत और वर्लिंग डांस की जुगलबंदी ने ऐसा समां बांधा की श्रोताओं ने तालियां बजाकर कलाकरों उत्साह बढ़ाया।
कबीर ने मांडी है मतवार…
पूगल की धरा आज पूरी तरह से कबीर की वाणी में रंग गई। पद्मश्री अनवर खान ने जब “कबीर ने मांडी है मतवार…के स्वर छेड़े तो श्रोताओं ने भी जमकर दाद दी। कलाकार ने अपनी अनुठी गायन शैली से सभी को अभिभूत कर दिया। उच्च कोटि के लोक गायक अनवर खान ने कबीर वाणियों सुनाकर उनके संदेश को जीवन में उतारने के लिए प्रेरित किया। वहीं लोक कलाकार मीरा बाई ने अपने नाम के अनुरुप मीरा के भजनों से समां बांध दिया। कलाकार ने “घणी नींद में सोयो रे अब जाग मुसाफिर…सहित मीरा बाई के पारम्परिक भजनों की मधुर प्रस्तुतियों से माहौल को भक्तिमय बना दिया।
कबीरनामा से हुआ वातावरण कबीरमय
कबीर यात्रा में पहली बार बीकानेर आए पंजाब के कलाकार जसनप्रीत सिंह के ग्रुप ने विशेष शैली में “कबीरनामा” सुनाया। इस सोपान में कबीर को पूरी तरह से साक्षात कर दिया। कलाकारों ने संगीतमय कबीरनामा के जरिए कबीर की पूरी कहानी को लोगों के सामने रखा, तो सभी भाव विभोर हो गए। दस कलाकारों के ग्रुप में ढोल, बांसुरी, ड्रम, सांरगी सहित कई वाद्य यंत्रों के साथ कलाकारों ने कबीर की वाणियों को गा कर सुनाया।
इन्होंने भी दी प्रस्तुति
कार्यक्रम में पूगल के मीर बसु ने “मेरा सोना सजन घर आयो नी…की दमदार प्रस्तुति से मंत्रमुग्द कर दिया। वहीं रजाक ने “मेरा चरखा हुआ पुराना…निर्गुण भजन सुनाया। फोरो फ्लुइएड बैंड ने हीर की भाव पूर्ण प्रस्तुति दी।
गाजे-बाजे से निकली शोभायात्रा
बीकानेर जिला प्रसाशन के सहयोग से मलंग फोक फाउंडेशन के तत्वावधान में आयोजित कबीर यात्रा को लेकर लोगों में उत्साह है। आज पूगल पहुंचने पर लोगों ने गाजे-बाजे के साथ सभी कलाकारों और अतिथियों का स्वागत सत्कार किया। बाहर से आए यात्री इस स्वागत से अभिभूत हो गए। कार्यक्रम में पूगल सरपंच हाकम खान, काशीराम जाखड़, डुंगर दास सेन, नरेन्द्र कुमार सारण, भागीरथ चांवरिया, अजय कुमार, भागीरथ सुथार, मनीष ज्याणी, भीखाराम भींचर, राजूसिंह सोढ़ा, पुखराज, मेघराज, बिशनलाल सुथार, ईश्वरदान चारण, निम्बदान चारण सहित लोगों ने भागीदारी निभाई।
बीकानेर में गीत-संगीत का माहौल : जसनप्रीत सिंह
पंजाब से आए जसनप्रीत सिंह ने कहा बीकानेर पहली बार आना हुआ, लेकिन लगा जैसा अपना ही शहर है। यहां के लोग काफी अच्छे है। यहां पर गीत संगीत और संस्कृति का माहौल है। यह शहर अपने आप में अनुठा है। यहा की फिजांओं में कबीर की वाणी के स्वर चार चांद लगा रहे हैं। दूर तक भले ही रेगिस्तान है, धोरे है, लेकिन इनके कण-कण में कबीर की वाणी, मीरा के भजनों की स्वर लहरियां गूंजती है।