बीकानेर, निडर इंडिया न्यूज।
अखंड सुहाग और परिवार में सुख-समृद्धि की कामना को लेकर महिलाओं ने आज बड़ी तीज का उपवास रखा। सुबह उठते ही पहले झूले झूलने के बाद पानी का सेवन किया। दिनभर उपवास रखा। रात को चंद्र उदय होने पर अर्ध्य दिया। घर में तीज माता की कथा सुनी, पूजा-अर्चना के बाद में चना, गेहूं, चावल इत्यादि से बने सत्तू का पहले सेवन किया।
इसके बाद उपवास का पारना खोला। बड़ी तीज को लेकर शहर में काफी चहल-पहल रही। वहीं बहिन बेटियों के यहां सत्तू पहुंचाने की रस्में निभाई गई। वहीं नवविवाहितों के विशेष सत्तू(सिग) पर चांदी की फरी लगाकर देने की परम्परा को निभाया गया।
शृंगार सामग्री भेंट …
बड़ी तीज के अवसर पर बहिन बेटियों के यहां पर मिठाई, साड़ी और शृंगार सामग्री(आछरी) भेजी गई। बड़ी का उपवास विवाहिता महिलाओं के साथ ही बालिकाओं ने भी उत्साह के साथ रखा। पार्कों में झूले पड़े, जहां पर बालिकाओं और महिलाओं ने झूलों का लुत्फ उठाया।
जूनागढ़ से निकली शाही सवारी
बड़ी तीज के मौके पर जूनागढ़ से तीज माता की शाही सवारी निकालने की परम्परा को निभाया गया। राज पंड़ित के साथ ही राज परिवार के प्रतिनिधि इस शाही सवारी में शामिल हुए। नख से शिख तक सजी-संवरी तीज माता की प्रतिमा को शाही लवाजमे के साथ चौतीना कुआं तक ले गए, जहां पर पानी पिलाने की परम्परा निभाई गई।