बीकानेर, Nidarindia.com
पुष्करणा दिवस पर आज मां उष्ट्रवाहिनी का पूजन किया जाएगा। वहीं पूर्व संध्या पर कल रात को कवि सम्मेलन आयोजित किया गया। राजस्थान पुष्टिकर यूथ विंग की के तत्वावधान में समाज की ओर से आज नत्थूसर गेट बाहर स्थित मंदिर में मां उष्ट्रवाहिनी का सामूहिक पूजन किया जाएगा।
राजस्थान पुष्टिकर यूथ विंग के राष्ट्रीय महामंत्री सुभाष जोशी ने बताया कि पुष्करणा दिवस के अवसर पर मां विशेष श्रंगार कर भव्य पूजन कर महा आरती की की जाएगी। इस अवसर पर नगर के पुष्करणा समाज समाज के गणमान्य नागरिक शामिल होंगे। इस कार्यक्रम के लिए विधायक जेठानंद व्यास, पूर्व काबिना मंत्री बीडी कल्ला, गोकुल जोशी, विजय आचार्य,सत्यप्रकाश आचार्य को आमंत्रण दिया गया है। पूजन सुबह नौ बजे से शुरू होगा। आयोजन को लेकर शुक्रवार शाम को यूथ विंग की बैठक हुई। इसमें
राष्ट्रीय उपाध्यक्ष गिरिराज बिस्सा, डॉ विजय आचार्य, सुभाष जोशी, दिनेश चूरा,मनमोहन पुरोहित, केपी बिस्सा, अजय व्यास, पंडित अशोक बिस्सा, मनोज व्यास, राकेश बिस्सा, अनिल जोशी, जितेन्द्र आचार्य सहित कई सदस्य शामिल हुए।
कविताओं से बांधा समां, पूर्व संध्या पर हुआ कार्यक्रम
पुष्करणा दिवस की पूर्व संध्या पर लक्ष्मीनारायण रंगा सृजन सदन में कवि सम्मेलन का आयोजित किया गया। अध्यक्षता करते हुए कथाकार कमल रंगा ने कहा की पुष्करणा समाज एक ऐतिहासिक समाज है जिसकी नींव राजा दाहिर के शासन काल से है। समाज की ऐतिहासिक और पौराणिकता का भान समाज को होना चाहिए। कमल रंगा ने अपनी कविता ‘सगला भाई बैन आर लेवा समाज उत्थान रो संकल्प, आ ही है पुष्करणा दिवस री सार्थकता’ का वाचन किया।
पार्षद सुधा आचार्य ने संस्था ने प्रकृति को बचाने के लिए पुष्करणा समाज को आगे बढऩे की बात कही। उन्होंने अपनी कविता ‘कमल की भांति पल्लवित होता है मेरा पुष्करणा समाज’ समाज को समर्पित अपनी रचना का पाठ किया । द पुष्करणाज फाउंडेशन के राष्ट्रीय संयोजक गोपीनाथ छंगाणी ने कहा कि समाज को एक साथ एकत्रित हो कर इस तरीके के कला, संस्कृति से जुड़े कार्यक्रम आयोजित करते रहने चाहिए।
जुगल छंगाणी ने पुष्करणा दिवस की शुभकामनाए देते हुए समाज के निरंतर उत्थान के लिए युवाओं को आगे आने के लिए बात कही। गीतकार आनंद मस्ताना ने ‘यही आगे बढऩे का प्रथम दस्तूर है’ संस्था को समर्पित अपनी रचना का पाठ किया। गीत धारणाएं टूटती है को पढ़ कर श्रोताओं से तालियां बटोरी, गीतकार जुगल किशोर पुरोहित ने पुष्करणा समाज मंगलम अपनी नवीन रचना का वाचन किया।
राजस्थानी के कवि विप्लव व्यास ने ‘केड़ो करे विकास नी आवे समाज’ अपनी आधुनिक कविताओं से श्रोताओं का मन मोह लिया। डॉ.कृष्णा आचार्य ने ‘नादान परिंदा भटक गया’ सुनाकर आज के समाज में युवाओं की स्थिति का शाब्दिक चित्रण किया। हास्य कवि बाबूलाल छंगाणी ‘दुनिया में लोग मुस्कुराते कम है किसी को थोड़ा किसी को ज्यादा गम है’ कविता सुना कर सभी के चेहरों पर मुस्कान बिखेर दी, संजय आचार्य वरुण ने अपनी कविता ‘गांव पुराना पनघट वाला, कहां मिलेगा बतलाओ’ सुना कर राजस्थान में गुम होती परंपराओं की ओर सभी का ध्यान खींचा। पुनीत रंगा ने कविता सुनाकर श्रोताओं से दाद बटौरी। राहुल रंगा ने ‘चांदी का चम्मच ये क्या जाने जिनको सहज सब मिल गया वो संघर्षों को क्या जाने’ कविता सुनाई। योगेश राजस्थानी ने संचालन किया। संस्था अध्यक्ष राजेश रंगा ने आभार जताया। आगामी भूमिका कृष्णचंद्र पुरोहित ने बताई। कार्यक्रम में भवानी सिंह, कार्तिक ओझा अशोक शर्मा, मोहित पुरोहित आदित्य पुरोहित, योगेंद्र पुरोहित, घनश्याम ओझा सहित गणमान्य लोग शामिल हुए।