जयपुर, निडर इंडिया न्यूज।
सजयमंद जिले में सरकारी भूमि को हिन्दुस्तान जिंक के कब्जे मुक्त कराई जाएगी। इस बात को लेकर राजस्व मंत्री हेमन्त मीणा ने सोमवार को विधानसभा में आश्वस्त किया है। मंत्री ने कहा कि अवैध कब्जे की जांच कर एक माह में अतिक्रमण हटाएंगे। उन्होंने कहा कि जांच के लिए संबंधित जनप्रतिनिधि और सक्षम अधिकारियों को शामिल कर समिति का गठन किया जाएगा।
राजस्व मंत्री प्रश्नकाल के दौरान सदस्यों की ओर से इस संबंध में पूछे गए पूरक प्रश्नों का जवाब दे रहे थे। उन्होंने बताया कि चित्तौड़गढ़ और राजसमन्द जिलों में हिंदुस्तान जिंक प्राइवेट लिमिटेड को कुल 347.54 हैक्टेयर भूमि आवंटित की गई है। राजसमन्द जिले के ग्राम राजपुरा और कोटड़ी में आवंटित भूमि के अलावा कम्पनी द्वारा कुल तीन स्थानों आराजी 586, आरजी 509 तथा आरजी एक में टेलिंग डैम बनाने, डैम की पाइपलाइन निकालने तथा पाल बनाने के लिए बिलानाम और चारागाह भूमि पर अतिक्रमण किया हुआ है।
इससे पहले विधायक अर्जुन लाल जीनगर के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में राजस्व मंत्री ने कहा कि उधोग (ग्रुप-1) विभाग के 12 अप्रेल 2010 के आदेश के अनुसार राजकीय बिलानाम रकबा 11.04 हैक्टेयर भूमि राजस्थान भू-राजस्व (औधोगिक क्षेत्र आवंटन) नियम 1959 में उल्लेखित प्रावधान एवं अन्य शर्तों के तहत 99 वर्ष की लीज पर आवंटित की गई। उन्होंने आवंटन आदेश, जमाबंदी नक्शा की प्रति सदन के पटल पर रखी। उन्होंने बताया कि जिला कलक्टर, राजसमंद से प्राप्त सूचना अनुसार निजी खातेदारों की भूमि खरीद की गयी, जिसके कुल किता 45 कुल रकबा 18.7333 हैक्टेयर भूमि है।
मीणा ने बताया कि जिला कलक्टर, राजसमंद की रिपोर्ट अनुसार उक्त उद्योग को आंवटित भूमियों के अलावा भी ग्राम राजपुरा में आवंटित माइनिंग लीज क्षेत्र के बाहर आराजी नम्बर 586 में से रकबा 0.2915 हैक्टेयर किस्म बिलानाम पर टेलिंग डेम बना एवं आराजी संख्या 509 में से रकबा 0.1619 हैक्टेयर भूमि पर टेलिंग पाइप लाइन निकाल कर तथा ग्राम कोटडी में आवंटित माइनिंग लीज क्षेत्र के बाहर आराजी संख्या 1 में से रकबा 0.2428 हैक्टेयर किस्म चारागाह भूमि में टेलिंग डेम की पाल बना कर अतिक्रमण कर रखा है।