जयपुर, Nidarindia.com
पौधरोपण अभियान को लेकर शिक्षा मंत्री ने सख्त रवैया अपना लिया है। सरकार भी पर्यावरण संरक्षण के लिए महत्ती पौधरोपण अभियान को लेकर गंभीर है। शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने साफ तौर पर कहा है कि जो शिक्षक इस अभियान में शामिल होकर लक्ष्य पूरा करेगा, उन्हें तबादलों की मेरिट में 5 अंक ज्यादा मिलेंगे।
यही नहीं यदि पंचायत भी अपना टारगेट पूरा करती है, तो उस पंचायत को 10 लाख का अतिरिक्त फंड दिया जाएगा। आज अपने सीकर दौरे के दौरान मंत्री ने पलसाना सीएचसी परिसर में पौधरोपण अभियान में शिरकत की, यहां पर 551 पौध लगाए जाने प्रस्तावित है। मंत्री ने कहा कि हम भट्टी के मुहाने पर हैं, कभी भी भस्म हो सकते हैं। शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कहा कि मैं यहां बैठे विभाग के कार्मिकों से निवेदन करता हूं कि अपने पौधा लगाकर पेड़ नहीं बनाया तो इससे बड़ा पापी कोई नहीं होगा।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि वो यहां बैठे अधिकारियों से कह रहे है कि 4 अगस्त से सब की छुट्टियां बंद। जो भी छुट्टियों पर गए हुए हैं उन्हें वापस बुला लो। पौधारोपण अभियान के लिए गड्ढे खोदना सहित अन्य तैयारियां शुरू कर दो। पौधरोपण में शिक्षा विभाग के जो कर्मचारी-अधिकारी आदेश नहीं मानेंगे उन पर कार्रवाई होगी। कोई दूसरे विभाग के व्यक्ति ने ऐसा किया तो सीएम को पत्र लिखकर उसकी शिकायत करेंगे। मंत्री ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों को चेतावनी देते हुए कहा- 4 तारीख से सारी छुट्टियां कैंसिल हैं। पौधरोपण कार्यक्रम के लिए गड्ढे खोदना और अन्य तैयारियां शुरू कर दो।
लक्ष्य पूरा करने पर उस पंचायत समिति को फंड देंगे
शिक्षा मंत्री ने कहा कि सात अगस्त को ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाने हैं ताकि दुनिया भी देखें कि भारत माता को प्यार करने वाले राजस्थान में कितने लोग हैं इसे रिकॉर्ड बनाने के लिए आप सबका सहयोग जरूरी है। प्रदेश की 7 करोड़ से ज्यादा जनता पौधारोपण करें। इसमें शिक्षक अपना लक्ष्य पूरा करेंगे तो उन्हें तबादलों में सहूलियत दी जाएगी।
विद्यार्थी अपना लक्ष्य पूरा करता है तो उसे पर्यावरण विषय में 5 अंक ज्यादा देंगे। जो ग्राम पंचायत कम से कम 50 हजार पौधे लगाएगी, उसको हम 10 लाख रुपए निर्माण कार्य के लिए अतिरिक्त देंगे।
राजस्थान में पौधारोपण के मामले में जो पंचायत समिति प्रथम आएगी, जिसने 3 लाख से ज्यादा पौधे लगाए हैं। उन्हें 20 लाख का फंड जिला परिषद के अलावा दिया जाएगा। इसलिए सभी लोगों से निवेदन है कि अपने क्षेत्र के विकास के लिए पीछे मत रहना।