बीकानेर : पांच साल से बंद पड़े है जीएसएस, फसलें हो रही चौपट, विधानसभा में बोले-विधायक ताराचंद - Nidar India

बीकानेर : पांच साल से बंद पड़े है जीएसएस, फसलें हो रही चौपट, विधानसभा में बोले-विधायक ताराचंद

बीकानेर, Nidarindia.com

श्रीडूंगरगढ़ में बीते पांच साल से दो जीएसएस बंद ही पड़े हैं। जिस कंपनी को ठेका दिया उसने चालू नहीं किए। विधायक ताराचंद सारस्वत ने यह मुद्दा आज विधानसभा में उठाया। उन्होंने कहा कि इसका खमियाजा किसानों को भुगतना पड़ रहा है। किसान की फसल खराब हो रही है। उन्होंने कहा कि श्रीडूंगरगढ़ विधानसभा क्षेत्र में बिजली विभाग की ओर से  विद्युत विस्तार के लिए एलएनटी नाम की कंपनी को ठेका दिया गया।

132 केवी के जीएसएस…

विधायक ने बताया कि श्रीडूंगरगढ़ विधानसभा क्षेत्र में पूर्ववर्ती सरकार ने 132 केवी जीएसएस राजपुरा और जाखासर में स्वीकृत किए। इनके काम एलएनटी कंपनी को करने थे, लेकिन एलएनटी कंपनी दोनों जीएसएस को 5 साल में पूरा नही कर पाई और यह जीएसएस लंबित पड़े हैं। विधायक ने आरोप लगाया कि एलएनटी कंपनी के पास है ना तो कोई मैन पावर है ना ही कोई काम करने वाले कर्मचारी हैं।

विधायक ने ऊर्जा मंत्री से सदन के माध्यम से आग्रह किया की बिजली कटौती से श्रीडूंगरगढ़ विधानसभा क्षेत्र के किसानों की फसलें खराब हो रही है। ट्रिपिंग और एलटी से किसानों को बिजाई के समय काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। क्षेत्र में लाइन फाल्ट होती है, तो कंपनी के कर्मचारी काम करने पहुंचते हैं। विधायक सारस्वत ने सरकार से आग्रह किया की एलएनटी कंपनी काम नही कर पा रही है। ऐसे में कंपनी को पाबंद किया जाए। जो ठेका कंपनी ले रखा है उसका काम समय पर पूरा करे अन्यथा बिजली के अभाव में किसानों की हालत खराब हो जाएगी।

विधायक सारस्वत ने सदन में बोलते हुए कहा कि क्षेत्र के किसानों के 72 घंटे में ट्रांसफार्मर देने के नियम है। परंतु समय पर ट्रांसफर नहीं मिल रहे हैं। इससे किसानों की फसलें जल रही है। उन्होंने मांग की कि किसानों को समय पर ट्रांसफार्मर दिया जाए ताकि उनकी फसल को नुकसान नहीं हो। विधायक सारस्वत ने कहा कि श्रीडूंगरगढ़ विधानसभा क्षेत्र के किसानों को रात के समय भी जाए। विधायक सारस्वत ने सदन के माध्यम से ऊर्जा मंत्री से निवेदन किया कि बिजली की ऐसी व्यवस्था करें जिससे किसानों को लाभ हो सके। उन्होंने कहा कि किसानों को बिजली की हो रही ट्रिपिंग की समस्या से कुओं की मोटरें जल जाती हैं। कुओं में मोटर वापस लोडिंग करने में और लगाकर फिट करने में किसानो का लगभग 20 हजार रुपए खर्च हो जाता है।

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