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कृषि उन्नति योजना के कृषि विस्तार पर उपमिशन आत्मा योजना के तहत वर्ष 2024-25 में राज्य, जिला और पंचायत समिति स्तर पर विभिन्न कृषि उद्यमों के श्रेष्ठ कृषकों को पुरस्कृत किया जाएगा। इसके लिए 31 अगस्त तक आवेदन आमंत्रित किए गए हैं। परियोजना निदेशक (आत्मा) कैलाश चौधरी ने बताया कि इस पुरस्कार के लिए प्रत्येक पंचायत समिति स्तर पर पांच कृषकों का चयन प्रत्येक गतिविधिवार अलग-अलग किया जाएगा।
चौधरी ने बताया कि कृषि, उद्यानिकी, पशुपालन डेयरी व मत्स्य पालन, जैविक खेती और नवाचारी खेती श्रेणी में कृषि उत्पादों का प्रसंस्करण एवं मूल्य सवंर्धन आदि गतिविधियों में उत्कृष्ट कार्य करने वाले कृषकों में से एक-एक कृषक का चयन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि प्रत्येक पंचायत समिति स्तर पर कुल 5 कृषकों का चयन प्रत्येक गतिविधिवार किया जाएगा। पंचायत समिति स्तर पर चयनित कृषकों में से 10 सर्वश्रेष्ठ कृषकों को (प्रत्येक गतिविधि के लिए 2 सर्वश्रेष्ठ कृषक) जिला स्तर पर चयनित किया जाएगा और प्रदेश के सभी जिलों से चयनित कृषकों में से राज्य स्तर पर 10 सर्वश्रेष्ठ कृषकों का (प्रथम एवं द्वितीय स्तर पर 5-5 कुल 10) चयन होगा।
उन्होंने बताया कि पुरस्कार के लिए प्रत्येक गतिविधिवार पंचायत समिति स्तर पर राशि 10 हजार रुपए, जिला स्तर पर राशि 25 हजार रुपए और राज्य स्तर पर राशि 50 हजार रुपए देने का प्रावधान है। पंचायत समिति एवं जिला स्तर पर सम्मानित किए जाने वाले कृषकों का चयन आत्मा योजना में जिला कलक्टर की अध्यक्षता में गठित शाषी परिषद की ओर से किया जाएगा। आत्मा योजना के तहत गत वर्षो में पुरस्कृत कृषकों का चयन दुबारा नहीं किया जाएगा। कृषकों को एक बार ही इस योजना के तहत सम्मानित किए जाने का प्रावधान है। जिन कृषकों को पूर्व में आत्मा योजनान्तर्गत किसी भी स्तर पर चयनित किया जा चुका है, वह कृषक पुन: आवेदन के पात्र नहीं होगें।
चौधरी ने बताया कि इस योजना के तहत कृषक स्वयं या निर्वाचित जन प्रतिनिधि या कोई अन्य व्यक्ति/संस्था योग्य कृषक के प्रस्ताव उसके की ओर से कृषि एवं सम्बद्ध क्षेत्र में किए गए उत्कृष्ठ कार्यो का विवरण मय 5-7 फोटोग्राफ्स मय सीडी सहित प्रस्तुत करते हुए नाम प्रस्तावित कर सकते है।
उन्होंने बताया कि कृषि गतिविधि में वे कृषक जो कृषि विभाग की ओर से निर्धारित 21 मूल मंत्र की पालना, समग्र कृषि गतिविधियों यथा प्रमाणित बीज प्रयोग, बीज उपचार, फार्म मशीनरी, कृषि विभाग की पैकेज ऑफ प्रेक्टिसेज अपनाते हुए खेती करना एवं हाईटेक कृषि करते हुए गुणवत्तायुक्त उत्पादन लेते हों, उन्हीे कृषकों को चयन में वरीयता दी जाएगी। उद्यानिकी में हाईटेक उद्यानिकी या माइक्रो इरिगेशन की ओर से सिंचाई, वृक्षो की आपसी दूरी और कटाई के बाद प्रबन्धन करने, सब्जियों की खेती करने वाले, फल बगीचा स्थापना मय ड्रिप व फसलोत्तर प्रबन्धन करने वाले कृषकों को वरीयता दी जाएगी।
चौधरी ने बताया कि पशुपालन, डेयरी व मत्स्य में पशुपालन में उन्नत नस्ल के पशु, अच्छा पशु स्वास्थ्य, नियमित टीकाकरण, पशुओं को संतुलित आहार, कृत्रिम गर्भाधान, दुग्ध उत्पादन आदि व मत्स्य पालन के अन्तर्गत मछली पालन का उत्कृष्ट कार्य करने वालों को जिसमें अच्छी किस्म का मछली बीज काम में लिया गया हो ऐसे कृषकों को वरीयता दी जावेगी। चौधरी ने बताया कि जैविक श्रेणी में कम्पोस्ट निर्माण, बीजामृत, वर्मीवॉश, जैविक उत्पाद का निर्माण व विपणन आदि जैविक खेती के उत्कृष्ट कार्य करने वाले कृषको को वरीयता दी जायेगी, नवाचारी खेती व प्रंसस्करण में मशरूम उत्पादन, मधुमक्खी पालन, अजोला की खेती आदि अनेक नवाचारी गतिविधियां जो कृषि के क्षेत्र में नया हो और जो कृषक कृषि आधारित उत्पादों के प्रसंस्करण एवं मूल्य संवर्धन का कार्य कर रहे है उन्हीे कृषकों को चयन में वरीयता दी जाएगी।