बीकानेरNidarindia.com
आमतौर पर नारी निकेतन की पहचान बेसहारा महिलाओं के पुर्नवास गृह के रूप में होती है, लेकिन बीकानेर नारी निकेतन गृह दो आवासनियों का विवाह करवा एक अभिभावक के रूप में नायाब उदाहरण पेश किया है।

नारी निकेतन और सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की ओर से यहां निवासरत दो मूक बधिर आवासनियों का विवाह करवाया जाएगा। नारी निकेतन की अधीक्षक डॉ.शारदा चौधरी ने बताया कि यहां आवासरत दो मूक बधिर आवासनियों का विवाह 15 जुलाई को जिला प्रशासन, विभाग और भामाशाहों के सहयोग से करवाया जाएगा।
उन्होंने बताया कि दोनों आवासनियों के विवाह की समस्त रस्मों का निर्वहन पूरे परम्परागत तरीके से किया जाएगा। दोनों आवासनियों की हल्दी, मेहन्दी और महिला संगीत का कार्यक्रम 14 जुलाई को होगा। वहीं 15 जुलाई को पाणिग्रहण और आशीर्वाद समारोह का आयोजन किया जाएगा। विवाह की सभी रस्में महिला पुलिस थाने के पास स्थित राजकीय नारी निकेतन में होंगी।

समाज की मुख्य धारा से जोडऩे का प्रयास…
डॉ. चौधरी ने बताया कि दोनों आवासनियां मूक बधिर हैं और लम्बे समय से यहां आवासरत हैं। एक आवासिन जुलाई 2008 से बालिका गृह में ओर बाद में जनवरी 2011 से नारी निकेतन में निवासरत है। दूसरी महिला जनवरी 2013 से यहां निवासरत है। दोनों महिलाओं के सुखद भविष्य के लिए विभाग की ओर से विशेष प्रयास कर यह पहल की गई है। उन्होंने बताया कि रूल्स फोर द एडमिनेस्ट्रेशन एडमिशन एंड रिहेबिलिटेशन ऑफ पर्सन्स इन होम एंड शेल्टर्स 1970 के नियम 20 रिहेबिलिटेशन (2) ई और नियम 21 के प्रोसजिर फोर अरेजिंग द मैरिज ऑफ ए फिमेल इनमेट’ के परिप्रेक्ष्य में यह विवाह करवाया जा रहा है।
इस प्रावधान के अनुसार वर्ष 2021 नवम्बर में विभागीय आदेशानुसार विज्ञप्ति जारी कर इन महिलाओं के विवाह के लिए प्रस्ताव लिए गए। प्रस्तावों को जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित विवाह उप समिति में रखा गया, जहां से सहमति प्राप्त होने पर दोनों आवसनियों के लिए विवाह प्रस्ताव स्वीकार किए गए हैं। डॉ .चौधरी ने बताया कि नारी निकेतन में आवासरत आवासनियों को समाज की मुख्य धारा से जोडऩे की दिशा में यह एक अहम पहल है। सहयोग के इच्छुक कर सकते संपर्क डॉ. चौधरी ने बताया कि इस कार्य में जिला कलेक्टर के निर्देश अनुसार जिला प्रशासन और स्थानीय भामाशाहों की ओर से सहयोग किया गया है।

