रेलवे : ट्रेनों के संचालन में अहम कड़ी है लोको पायलेट, जाने ड्यूटी के समय क्या सुविधाएं मिलती है?, एनडब्लूआर में क्या है इनके इंतजाम, पढ़े पूरी खबर... - Nidar India

रेलवे : ट्रेनों के संचालन में अहम कड़ी है लोको पायलेट, जाने ड्यूटी के समय क्या सुविधाएं मिलती है?, एनडब्लूआर में क्या है इनके इंतजाम, पढ़े पूरी खबर…

जयपुर.बीकानेर Nidarindia.com
ट्रेनें चलाने में सबसे महत्वपूर्ण भागीदारी लोको पायलेट की होती है। इनके कंधों पर हजारों यात्रियों का जिम्मा रहता है, ऐसे में पूरी सावधानी और सतर्कता के साथ यह अपनी ड्यूटी निभाते हैं। ऐसे में जरूरी है कि लोको पायलेट की सुविधाओं का खास ख्याल रखा जाए।
इसी उद्देश्य से उत्तर पश्चिम रेलवे में लोको पायलेटों के लिए सुविधाओं में विस्तार किया जा रहा है। नए रनिंग रूम बनाए गए है, लोको लॉबी का निर्माण भी हुआ है। ताकि कोई असुविधा नहीं हो।

24 घंटे ड्यूटी पर तैनात…

भारतीय रेलवे में प्रतिदिन चलने वाली हजारों सवारी और मालगाडिय़ों के संचालन का पूरा जिम्मा लोको पायलेट के कंधो पर होता है। हर मौसम में 24 घंटे लोको पायलेट निरंतर अपनी जिम्मेदारी का वहन करते है। पूरी सतर्कता के साथ ट्रेन चलाने में अपना योगदान देते है।

भरे जाएंगे रिक्त पद…
वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक महेश जेवलिया के अनुसार लोको पायलेट के महत्व को समझते हुए उन्हें सभी सुविधाएं प्रदान करने के लिए रेल प्रशासन भी कृतसंकल्पित है। उत्तर पश्चिम रेलवे जोन में संरक्षित रूप से ट्रेन संचालन के लिए लोको पायलेट, सहायक लोको पायलेट और रनिंग स्टॉफ के 4985 पद स्वीकृत है एवं वर्तमान में 3827 कार्मिक कार्यरत है। शेष 1158 पदों पर भर्ती प्रक्रिया कई चरणों (रेलवे भर्ती बोर्ड एवं विभागीय परीक्षाओं द्वारा) में चल रही है।

20 रनिंग रूम बनाए…

उत्तर पश्चिम रेलवे के महाप्रबन्धक अमिताभ के निर्देशन में रनिंग स्टॉफ के लिए उत्तर पश्चिम रेलवे पर कुल 23 लोको लॉबी और 20 रनिंग रूम बनाए गए है। बीकानेर मण्डल पर बीकानेर, सूरतगढ़, हनुमानगढ़, चूरू,हिसार और भिवानी में लोको लॉबी और बीकानेर, सूरतगढ़, श्रीगंगानगर,हिसार, चूरू और भिवानी में रनिंग रूम बनाए गए है। जहां पर स्थानीय मुख्यालय के अतिरिक्त दूसरे मुख्यालय से आने वाले रनिंग स्टॉफ को आराम के लिए रनिंग रूम की सुविधा प्रदान की जाती है।

भारतीय रेलवे पर लोको पायलेट के ड्यूटी घंटों को सवारी गाडी में अधिकतम 08 घंटे एवं मालगाडिय़ों में अधिकतम 10 घंटे निश्चित किया गया है। इसके बाद उन्हें विभिन्न नामित स्थानों पर स्थित रनिंग रूम (विश्राम गृह) में आराम दिया जाता है। रनिंग स्टॉफ को अपने मुख्यालय पर 16 घंटे और रनिंग रूम में 08 घंटे विश्राम के बाद अगली ट्रेन में बुकिंग की जाती है।

यह सुविधाएं मिलती है…

-रनिंग स्टॉफ को लॉबी से जुड़ी हुए एक वातानुकूलित रेस्ट रूम की व्यवस्था (जहां आराम चेयर एवं सौफे की व्यवस्था होती है) जहां ट्रेन के विलम्ब के समय रेस्ट किया जा सके।
-लॉबी एवं रेस्ट रूम वातानुकूलित।
-आरओ एवं वाटरकूलर युक्त पेयजल की सुविधा।
-लॉबी में सीयूजी फोन की सुविधा।

रनिंग रूम में उपलब्ध सुविधाएं

-घर से दूर होने के बाद भी उन्हें घर जैसी सभी सुविधाएं प्रदान करने के लिए उच्च मापदंडो की साफ-सफाई और कीटाणु रहित वातानुकूलित शयनकक्ष।
-आरओ एवं वाटरकूलर युक्त पेयजल की सुविधा।
-प्रत्येक स्टॉफ के बदलते ही लिनन बदलना।
-कमरों में पर्याप्त रोशनी और हवा के लिए वेन्टिलेशन।
-कमरों में गहरे रंगों के पर्दो की व्यवस्था।
-मेडिटेशन रूम।
-पत्र-पत्रिकाओं की सुविधा।
-खाना पकाने के लिए हाईजेनिक रसोई की व्यवस्था।
-सबसिडाइज भोजन की उपलब्धता।
-डाइनिंग हॉल/चेयर/टेबल की व्यवस्था।
-रेफ्रिजरेटर/आयरन/वांशिग मशीन की व्यवस्था।
-महिला रनिंग स्टॉफ के लिए अलग कमरों एवं टॉयलेट की व्यवस्था।
-सभी रनिंग रूम में क्रू मैनेजमेंट प्रणाली की व्यवस्था की गई है।

…ताकि रहे तनाव मुक्त

भारतीय रेलवे सुरक्षित और संरक्षित संचालन के लिए लोको पायलेट की भूमिका के महत्व को ध्यान में रखते हुए, उनके कल्याण के लिए कई कार्य कर रहा है। इसमें रनिंग स्टॉफ को आउट ऑफ टर्न आवास और अन्य सुविधा दी जाती है। तनावमुक्त रहकर कार्य करने के लिए उनके परिवार की भी समय-समय पर काउसलिंग की जाती है। बदलती तकनीक और नए आधुनिक कार्य प्रणाली से अवगत कराने एवं अपडेट होने के लिए रनिंग स्टॉफ को रिफ्रेशर कोर्स भी करवाए जाते है। भारतीय रेल रनिंग स्टॉफ के कल्याण और सुख सुविधाओं के लिए कृतसंकल्पित है।

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