स्वास्थ्य : पांच साल तक के बच्चे गटकेंगे दो बूंद जिन्दगी की, राष्ट्रीय पल्स पोलियो महाभियान कल, इतने बूथों पर पिलाई जाएगी दवा... - Nidar India

स्वास्थ्य : पांच साल तक के बच्चे गटकेंगे दो बूंद जिन्दगी की, राष्ट्रीय पल्स पोलियो महाभियान कल, इतने बूथों पर पिलाई जाएगी दवा…

बीकानेरNidarindia.com
राष्ट्रीय पल्स पोलियो महाअभियान के तहत रविवार को ० से ५ तक के बच्चे दो बूंद जिन्दगी की गटकेंगे। सुबह 8 से शाम 5 बजे तक जिले के 1,579 पल्स पोलियो बूथों पर जागरूक माता-पिता अपने 0 से 5 साल तक के बच्चों को पोलियो रोधी वैक्सीन की दो बूंद खुराक पिलाने लाएंगे। जिले की समस्त अस्पतालों, चुनिंदा आंगनबाड़ी केंद्रों, विद्यालयों और सार्वजनिक परिसरों पर पोलियो खुराक पिलाने की व्यवस्था की गई है।

अभियान का जिला स्तरीय उद्घाटन एसडीएम जिला अस्पताल, जस्सूसर गेट के बूथ पर सुबह 9:30 बजे किया जाएगा। वही सभी बूथों का उद्घाटन स्थानीय जनप्रतिनिधियों के माध्यम से करवाया जाएगा। जिला कलेक्टर नम्रता वृष्णि ने सभी जागरूक माता-पिताओं को अपील की है कि वह पोलियो से अपने बच्चों की रक्षा के लिए घरों से निकले और बूथ पर पोलियो रोधी दवा अवश्य पिलवाएं।

पोलियो मुक्त हुआ भारत…

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.राजेश कुमार गुप्ता ने बताया कि भारत को 27 मार्च 2014 को पोलियो मुक्त घोषित हो चुका है लेकिन पकिस्तान, अफगानिस्तान और नाइजीरिया में अब भी पोलियो केस है। पड़ौसी देश पाकिस्तान में अब भी पोलियो वायरस मौजूद हैं इसलिए बीकानेर जिले में अभियान को विशेष गंभीरता से संचालित करने की आवश्यकता है, ताकि देश का सुरक्षा चक्र कोई न भेद पाए। आरसीएचओ डॉ. मुकेश जनागल ने बताया कि राष्ट्रीय पल्स पोलियों महा अभियान के तहत 30 जून को जिले में 1579 बूथ, 63 ट्रांजिट टीम, 116 मोबाइल टीम्स, 343 सुपरवाइजर व 6 हजार से अधिक वैक्सीनेटर्स की सहायता से 4,27,582 बच्चों को बाईवेलेंट पोलियो वैक्सीन पिलाई जाएगी। 204 हाई रिस्क एरिया पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। जिले मे 86 वैक्सीन डिपो द्वारा कोल्ड चैन मेन्टेन रखते हुए वैक्सीन आपूर्ति कर दी गई है।

अभियान की सफलता के लिए नर्सिंग कॉलेज, रोटरी क्लब, महिला एवं बाल विकास विभाग, शिक्षा विभाग, स्काउट गाइड व स्वयंसेवी संस्थाओं का सहयोग लिया जाएगा। समस्त प्रमुख बस स्टेंडों और रेलवे स्टेशन पर बच्चों को पोलियो वैक्सीन पिलाने के लिए ट्रांजिट टीम और स्लम-कच्ची बस्तियों, ढाणियों, घूमंतु जाति, रोड साइड कन्स्ट्रक्शन साइट जैसे हाई रिस्क एरिया के लिये मोबाइल टीमों का गठन भी किया गया है।

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