बीकानेरNidarindia.com
जिले में एक तरफ लू ताप घात सहित मौसमी बीमारियों का दौर चल रहा है। तो दूसरी तरफ ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं लेकर उदासीनता बरती जा रही है। इसका ताजा उदाहरण आज गाढवाला में देखने को मिला।
जहां पर हालात जानने के लिए चिकित्सा अधिकारी पहुंचे थे। अस्पताल कितने सतर्क हैं और तैयारी का स्तर क्या है, यह जानने के लिए स्वास्थ्य विभाग बीकानेर जोन के जॉइंट डायरेक्टर डॉ.देवेंद्र चौधरी और डिप्टी डायरेक्टर डॉ.राहुल हर्ष नापासर, गाढ़वाला और किलचू के दौरे पर रहे। उनके साथ एपिडेमियोलॉजिस्ट नीलम प्रताप सिंह राठौर और जिला कार्यक्रम समन्वयक पीसीपीएनडीटी महेंद्र सिंह चारण भी निरीक्षण में शामिल रहे।
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र गाढ़वाला पर गंभीर लापरवाही सामने आई जब टीम के पहुंचने पर अस्पताल पर ताला मिला। भीषण गर्मी के चलते सभी अस्पतालों को 24 घंटे 7 दिन सतर्क रहने और पीडि़त को तुरंत उपचार देने के लिए सख्त निर्देश दिए हुए हैं इसके बावजूद ओपीडी के बाद अस्पताल को बंद करना गंभीर लापरवाही की श्रेणी में आता है। डॉ.चौधरी ने समस्त स्टाफ को कारण बताओं नोटिस जारी करने के निर्देश दिए हैं। टीम ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नापासर और किलचू में लू ताप घात को लेकर व्यवस्थाओं का जायजा लिया। अस्पताल में अलग से आरक्षित बेड व वार्ड को देखा।
ओआरएस, फ्लूइड, आइस पैक तथा दवाइयां के स्टॉक की जांच की। मरीजों के लिए छाया, पेयजल, कूलर इत्यादि की समुचित व्यवस्था भी परखी। दोनों अस्पतालों में प्रबंधन संतोषजनक मिला। मौसमी बीमारियों से संबंधित बैनर पोस्टर भी व्यापक स्तर पर प्रदर्शित मिले। डॉ.हर्ष ने लू से ग्रसित मरीज आने पर प्रोटोकॉल अनुसार तुरंत उपचार शुरू करने तथा दैनिक रिपोर्ट में इंद्राज करने के निर्देश दिए। डेंगू मलेरिया की रोकथाम को लेकर सर्वे व प्रचार प्रसार की गतिविधियां दुरुस्त रखने के निर्देश भी दिए।