क्राइम : जान लेवा हमले के मामले में पांच आरोपियों को सात साल का कठोर कारावास - Nidar India

क्राइम : जान लेवा हमले के मामले में पांच आरोपियों को सात साल का कठोर कारावास

नौ साल पुराने मामले में न्यायालय अपर सेशन न्यायाधीश, संख्या-2 ने सुनाई सजा…

बीकानेरNidarindia.com
जान लेवा हमले के नौ साल पुराने एक मामले में न्यायालय अपर सेशन न्यायाधीश संख्या-2 ने पांच आरोपियों को सात साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। मामला गजनेर थाना क्षेत्र का बताया जा रहा है। न्यायालय अपर सेशन न्यायाधीश संख्या-2 लोकेन्द्रसिंह शेखावत ने सात वर्ष के कठोर कारावास के साथ पांचों आरोपियों पर पांच हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है। जुर्माना राशि अदा नहीं करने पर पांचों आरोपियों को एक वर्ष का कठोर कारावास और भुगतना होगा।

अपर लोकअभियोजक संदीप स्वामी ने बताया कि प्रकरण में सुरजड़ा, पुलिस थाना गजनेर निवासी श्रवण ङ्क्षसह पुत्र चन्द्रसिंह, सुमेरसिंह पुत्र डूंगर सिंह, महेन्द्रङ्क्षसह पुत्र कल्याण सिंह, नरसीराम पुत्र सोहनराम व बिशनाराम पुत्र सोहनराम पर आईपीसी की धारा- 307, 323, 321, 147,148 व 149 के तहत आरोप लगे थे। अभियोजन पक्ष की ओर से कुल नौ साक्ष्य और नौ सबूत दस्तावेज न्यायालय में पेश किए गए।

दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं की बहस सुनने के बाद न्यायाधीश ने पांचों आरोपियों को दोषसिद्ध माना और उन्हें आईपीसी की धारा-३07 के तहत 7 वर्ष के सश्रम कारावास और पांच हजार रुपए का जुर्माने का दण्डादेश दिया। पांचों आरोपियों को न्यायाधीश ने आईपीसी की धारा आईपीसी की धारा- 323, 321, 147,148 व 149 के तहत अलग-अलग सजा और जुर्माने का दण्डादेश दिया। सभी सजाएं एक साथ चलेंगी। साथ ही पीडि़त पक्ष को आर्थिक सहयोग दिए जाने के लिए प्रकरण को प्रतिकर योजना के तहत जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को भेजे जाने के आदेश भी दिए गए।

ये है प्रकरण
अपर लोक अभियोजक के अनुसार 19जुलाई, 2015 को बद्रीप्रसाद ने पुलिस थाना गजनेर में लिखित रिपोर्ट पेश की थी। जिसमें उसकी ओर से कहा गया था कि बीते दिन यानि 18 जुलाई, 2015 की रात आठ बजे के करीब उसके भतीजे रेवन्तराम का उसके पुत्र जयनारायण के पास फोन आया था कि कुछ लोग उसके साथ मारपीट कर रहे हैं, तो घर से उसका पुत्र जयनारायण, भतीजे गणेश, ओमप्रकाश, जेठाराम व गणेश बीच-बचाव करने गए, तब गांव के मुख्य चौक ठाकुरजी के मंदिर के पास श्रवणङ्क्षसह, सुमेरसिंह, महेन्द्रसिंह, नरसीराम, बिशनाराम व पांच-सात अन्य व्यक्ति हाथों में कुल्हाड़ी आदि धारदार हथियार लेकर खड़े थे और मौके पर पिकअप व चार मोटरसाइकिलें भी खड़ी थी। जैसे ही उसका पुत्र व भतीजे उनके नजदीक पहुंचे तो उन्होंने जान से मारने की नियत से उन पर हमला कर दिया था।

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