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आरपीएससी से 1986 में चयनित कनिष्ठ सहायकों की वरिष्ठता निर्धारण, रिव्यू एवं नियमित डीपीसी में शिक्षा विभाग की ओर से बरती जा रही उदासीनता से शिक्षा विभागीय कर्मचारी संघ ने रोष जताया है।
संगठन के प्रदेशाध्यक्ष कमल नारायण आचार्य के नेतृत्व में आज प्रतिनिधि मंडल ने वरिष्ठ कार्मिकों को छोडक़र कनिष्ठ कार्मिकों की जा रही पदौन्नति के विरूद्ध शिक्षा निदेशक का घेराव करने का अल्टीमेटम दिया है। इस संबंध में शिक्षा मंत्री, शिक्षा सचिव, शिक्षा निदेशक को पत्र भेजा है।
इसके जरिए आरोप लगाया गया है कि आरपीएससी से 1986 में चयनित कनिष्ठ सहायकों की वरिष्ठता निर्धारण, रिव्यू एवं नियमित डीपीसी में शिक्षा विभाग की ओर से जानबूझकर की जा रही लेट लतीफ और वरिष्ठ कार्मिकों को छोडक़र कनिष्ठ कार्मिकों की जा रही पदौन्नति के विरूद्ध शिक्षा निदेशक का घेराव करने का दिया गया अल्टीमेटम शिक्षा निदेशक के मुख्यालय पर मौजूद नहीं होने पर प्रतिभा देवठिया अतिरिक्त निदेशक प्रशासन को दिया गया है। इस पत्र की प्रति जिला कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक, संयुक्त निदेशक कार्मिक, उपनिदेशक प्रशासन एवं समस्त संयुक्त निदेशक स्कूल शिक्षा को तत्काल कार्यवाही हेतु दी गई है।
प्रदेशाध्यक्ष आचार्य ने बताया कि न्यायालय एवं राज्य सरकार के द्वारा 86 के कार्मिकों के लिए छाया पद देने का कोई निर्देश अथवा निर्णय नहीं दिया है। उसके बावजूद शिक्षा प्रशासन जानबूझकर मामले को उलझाने में लगा हुआ है। जबकि 02 फरवरी 1990 से मूल वरिष्ठता निर्धारित कर वरिष्ठता सूचियों में नाम जोड़ कर पदौन्नति दी जानी है।