आस्था : भगवान महावीर के आदर्शों को जीवन में उतारने की आवश्यकता, भगवान महावीर के जन्म कल्याणक महोत्सव में बोले-वक्ता - Nidar India

आस्था : भगवान महावीर के आदर्शों को जीवन में उतारने की आवश्यकता, भगवान महावीर के जन्म कल्याणक महोत्सव में बोले-वक्ता

  • सभा में वक्ताओं ने महावीर के बताए रास्ते पर चलने का किया आह्वन
  • निकाली सजीव झांकियों से सजी-संवरी शोभायात्रा

बीकानेरNidarindia.com
श्री भगवान महावीर जन्म कल्याणक महोत्सव का आयोजन आज गौड़ी पाश्र्वनाथ मंदिर परिसर में किया गया। जैन महासभा के तत्वावधान में हुए कार्यक्रम में एक सभा रखी गई। इसमें वक्ताओं ने भगवान महावीर के बताए मार्ग पर चलने का आह्वान किया। इससे पूर्व दो स्थानों से शोभायात्रा निकाली गई।

इस अवसर पर गौड़ी पाशर््नाथ मंदिर में हुई सभा में मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुए संभागीय आयुक्त वंदना सिंघवी ने कहा कि आज भगवान महावीर के आदर्शों को अपने जीवन में उतारने की आवश्यकता है। तभी सही मायने में उनके जन्म कल्याणक मनाने का उद्देश्य सिद्ध होगा। संभागीय आयुक्त ने कहा कि महावीर के सिद्धांत के अनुसार पहले निज पर अनुशासन फिर अनुशासन। इस सत्य को जीवन में आत्म सात करना होगा। उन्होंने कहा कि जैन धर्म सही मायने में पूर्ण वैज्ञानिक धर्म है। यह जीवन जीने की कला सिखाता है। गृहस्थी जीवन में सयम, समभाव, संतोष, धर्यें, दूसरों के प्रति आदर सम्मान करना ही असल जीवन है।

उन्होंने कहा कि भगवान महावीर ने अहिंसा का मार्ग बताया है। लेकिन आज क्या है हम मन, कर्म और वचनों से कहीं न कहीं हिंसा करते है। हमे इससे बचना है। संभागीय आयुक्त ने समाज में बढ़ रहे दिखावे पर अंकुश लगाने की बात कही। उन्होंने कहा कि आज जैन महासभा की सराहना की जाए, उतनी कम है। महासभा ने शादी ब्याह में 21 व्यंज्जनों का अभियान शुरू किया है। समाज के हर व्यक्ति को इसका अनुसरण करना चाहिए। यह एक अच्छी पहल है। इसमें फिजूल खर्ची से बच सकते है, साथ ही दिखावा क्यों ही करें। लोग आज अपने धन का प्रदर्शन करते हैं, लेकिन भगवान महावीर ने अपरिग्रह का संदेश दिया है, उसकी पालना करनी चाहिए।

संभागीय आयुक्त ने कहा कि समाज में जो क्षमा याचना पर्व मनाया जाता है, उसमें वो केवल एक दूसरे को ही क्षमा करते है, या मांगते हैं, लेकिन सही में उनको क्षमा करना चाहिए जिनसे वास्तव में मनमुटाव है, वो भले ही आपको क्षमा नहीं करें, हमे बड़पन दिखाकर उनको उस पर्व के दिन क्षमा करना चाहिए। संभागीय आयुक्त ने जैन महासभा के पदाधिकारियों से भी इसे ऐसे परिवारों को चिन्हित करने की बात कही, जिनमें मनमुटाव है, उनको क्षमा याचना के पर्व के दिन एक ही मंच पर लाना चाहिए। कार्यक्रम के दौरान प्रीति डागा, विनोद बाफना, मेघवराज बोथरा ने संभागीय आयुक्त को जैन ध्वज दुपट्टा, स्मृति चिन्ह भेंटकर अभिनंदन किया।

साध्वी श्री का मिला आशीर्वाद…

कार्यक्रम में अलग-अलग स्थानों से पधारी साध्वी श्री ने अपना संबोधन दिया। साथ ही भगवान महावीर के आदर्श को जीवन में उतार कर उस राह पर चलने की बात कही। कार्यक्रम में साध्वी प्रांजल प्रभा, साध्वी ललित प्रभा(राजस्थानी में दिया प्रवचन) साध्वी जयंत प्रभा ने संबोधित किया। वहीं साध्वी स्मृद्धि प्रभा, साध्वी कृतार्थ प्रभा औ रसंकल्प प्रभा ने गीतिका प्रस्तुत कर संदेश दिया।

बताया कार्यक्रम का महत्व…

जैन महासभा के अध्यक्ष विनोद बाफना ने कहा कि आज भगवान महावीर का 2623 वां जन्म कल्याणक मनाने जा रहे हैं। यह गौरव की बात है। समाज के लिए आज के दिन का इस कारण खास महत्व है। उन्होंने कहा कि भगवान महावीर के संदेश, आदर्श मनुष्य जाति को जीवन जीने का सही मार्ग बताते हैं। उन्होंने बताया कि अगले वर्ष रजत जयंती वर्ष मनाया जाएगा। कार्यक्रम में जेन महासभा के उपाध्यक्ष सुरेन्द्र जैन(बद्धाणी) ने दूर से पधारी साध्वी श्री का आभार जताया।

साथ ही उन्होंने कहा कि भगवान महावीर का संदेश है कि जीवन में त्याग करना सीखे। इसका सच्चा उदाहरण है, यहां पधारी साध्वी श्री, जो इतनी गर्मी और धूप में लंबा सफर कर कार्यक्रम में शामिल हुई। सुरेन्द्र जैन ने गतिविधयों की जानकारी दी। महासभा के पूर्व अध्यक्ष लूणकरण छाजेड़ ने बताया कि जैन समाज को एक जाजम पर लाने के उद्देश्य से वर्ष २००१ में जैन महासभा का गठन किया गया था। इसके बैनर तले वर्षभर में कई कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। उन्होंने जैन महासभा की गतिविधियों पर विस्तार से प्रकाश डाला। जैन महासभा के सहमंत्री विजय बाफना ने संभागीय आयुक्त वंदना सिंघवी का परिचय दिया। संचालन जितेन्द्र कोचर ने किया। मेघराज बोथरा ने आभार जताया।

यह हुए शामिल…

कार्यक्रम में जयचन्दलाल डागा, इन्द्रमल सुराणा, चम्पकमल सुराणा, महामंत्री मेघराज बोथरा, राजेन्द्र लुणिया, जयचन्दलाल सुखानी, भंवरलाल गोलछा, देवेन्द्र बोथरा, शिखरचन्द सुराणा, मनोज सेठिया, किशनलाल बैद, रविन्द्र रामपुरिया, अशोक श्रीमाल, धनेश जैन, संजय बाफना, विमल गोलछा, राजेश बोथरा, हेमन्त सिंगी, जसकरण छाजेड़, विजय बाफना, जिनेन्द्र जैन, मानमल सेठिया, पारस खजांची, प्रिती डागा, शान्ता भूरा, सुमन छाजेड़, स्वाति छाजेड़, रेणु बोथरा, सुनिता बाफना, पिंकी सेठिया, कुसुम बैगानी, सरिता नाहटा, बिन्दु छाजेड़, संतोष बोथरा, बबिता जैन, महेन्द्र बोथरा, गायत्री महात्मा, मनोज जैन, चंचल बोथरा, धनलक्ष्मी जैन, संगीता महात्मा उपस्थित रहे।

गाजे बाजे से निकली शोभाया…

इस अवसर पर दो स्थानों से शोभायात्रा निकाली गई। पहली गंगाशहर में जवाहर विद्यापीठ स्कूल से निकलने वाली शोभायात्रा को संभागीय आयुक्त वंदना सिंघवी ने जैन ध्वज दिखाकर रवाना किया। दूसरी शोभायात्रा दिगम्बर जैन नसिया मंदिर से निकली। इसमें भगवान महावीर के जीवन से ओत-प्रोत सजीव झांकियां सजाई गई। दोनों शोभायात्राएं बड़ा बाजार में सम्मलित होकर वहां से विभिन्न मार्गों से होते हुए गोगागेट बाहर स्थित गौड़ी पाश्र्वनाथ मंदिर पहुंचकर सम्पन्न हुई।

लघु नाटिका से दिया संदेश…

कार्यक्रम में तेरापंथ कन्या मंडल की ओर से एक लघु नाटिका के माध्यम से भगवान महावीर के संदेशों, आदर्शों और उपदेशों को मंच पर बहुत ही उम्दा और प्रभावी ढंग से प्रस्तुत कर सभी मंत्रमुग्द कर दिया। कार्यक्रम में बालिकाओं ने भागीदारी निभाई।

Share your love
Facebook
Twitter

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *