- लुप्त हो रहे वाद्य यंत्रों की धुनें और लोक गीतों की स्वर लहरियों से गूंजेगा मैदान
- शाम 7 बजे होगा ‘कला रंग राग’ का उद्घाटन…
बीकानेरNidarindia.com
सांस्कृतिक संस्थान लोकायन एवं राजस्थान कला और संस्कृति विभाग के संयुक्त तत्वावधान में च्कला रंग रागज् दो दिवसीय सांस्कृतिक महोत्सव का उद्घाटन शनिवार को शाम सात बजे से धरणीधर में होगा। लोक धुनों की स्वर लहरियों से कार्यक्रम का आगाज होगा। इसमें लोक कला मर्मज्ञ और कथाकार पद्मश्री चन्द्र प्रकाश देवल मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रहेंगे और अध्यक्षता समाजसेवी रामकिशन आचार्य करेंगे।
लोकायन अध्यक्ष महावीर स्वामी ने बताया कि फेस्टिवल के उद्घाटन से पहले ‘कला रंग’ चित्रकला कार्यशाला होगी। इसमें बीकानेर के चित्रकारों के बनाए हुए लोक संस्कृति की झलक देखने को मिलेगी। साथ ही आगामी लोकसभा चुनाव को देखते हुए आम लोगों को मतदान के लिए प्रेरित करने वाले चित्रों को भी प्रदर्शित किया जाएगा।
गूंजेगी नगाड़ों की ताल…
कार्यक्रम का श्रीगणेश बीकानेर के लोक कलाकारों की ओर से दस से अधिक नगाड़ों का एक साथ वादन कर किया जाएगा। साथ में शंख,लोक वाद्य अलगोजा और बांसुरी वादन की धुन माहौल को संगीतमय बना देगी।
पहले दिन यह रहेगा आकर्षण…
महोत्सव में दंगल फिल्म फेम जैसलमेर के कलाकार सरताज खान और सरवर खान अपनी प्रस्तुति देंगे। वहीं लोक कलाकार गाजी खान बरना की ओर से बाल कलाकारों की “डेजर्ट सिम्फनी” प्रस्तुत की जाएगी। साथ ही पाबूसर गांव के डेरूं और चंग कलाकार पारंपरिक नृत्य की मनमोहक प्रस्तुति देंगे।
संस्थाओं को भी मिलेगा सम्मान…
कार्यक्रम में दूसरे दिन 31 मार्च को प्रतिभाओं का सम्मान किया जाएगा। लोकायन के सचिव गोपाल सिंह ने ने बताया कि लोकायन संस्थान के संस्थापक, इतिहासविद और लोक कला मर्मज्ञ कृष्ण चन्द्र शर्मा की स्मृति में सम्मान समारोह होगा। उनकी स्मृति में पहली बार शुरू किए जा रहे ‘कला राग सम्मान’ और ‘कला रंग सम्मान’ उन व्यक्तियों और संस्थाओं को प्रदान किए जायेंगे, जिन्होंने लोक कलाओं के संवर्द्धन और सरंक्षण के लिए अपना जीवन समर्पित किया है। इस कड़ी में पहला ‘कला राग सम्मान’ जैसलमेर की लोक कलाओं को समर्पित संस्थान ‘कमायचा लोक संगीत संस्थान हमीरा’ को प्रदान किया जाएगा।
कमायचा के प्रसिद्ध वादक पद्मश्री साकर खान की विरासत को आने वाली पीढ़ी तक पहुंचाने में उनके लोक कलाकार पुत्रों घेवर खान, दारा खान और फिरोज खान को यह पुरस्कार प्रदान किया जाएगा। इसी कड़ी में दूसरा पुरस्कार “कला रंग सम्मान” बीकानेर की मथेरण कला कलम के चित्रकार मूल चन्द महात्मा को प्रदान किया जाएगा। बीकानेर की स्थापना के समय से इनका परिवार इस प्राचीन चित्रकला को जीवंत रखेे हुए हैं। पुरस्कार के रूप में 21000 रुपए नकद राशि के साथ ही सम्मान पत्र प्रदान कर शॉल ओढ़ाया जाएगा।
25साल पूरे होने पर सम्मान…
लोकायन संस्थान की स्थापना के 25 साल पूरे होने के मौकेे पर बीकानेर कि उन २५ विभूतियों को भी सम्मानित किया जाएगा जिन्होंने लोक साहित्य, लोक संगीत, लोक कलाओं एवं धरोहर सरंक्षण की दिशा में अपना योगदान दिया है।
इन विभूतियों का होगा सम्मान…
कार्यक्रम के दौरान डॉ.श्रीलाल मोहता, डॉ.भंवर भादाणी, गिरिजाशंकर शर्मा, विद्यासागर आचार्य, इलाहिबख्श उस्ता, जसकरण गोस्वामी, निर्मोही व्यास, अमरचंद पुरोहित, लक्ष्मीनारायण सोनी, श्याम महर्षि, पन्नालाल पुरोहित, अमरचंद सुथार, बुलाकीदास बावरा, चंद्रशेखर श्रीमाली, सन्नू हर्ष, कलाश्री, नथू खान छींपा, जान मोहमद छींपा, कन्हैयालाल सेवग ‘मामाजी’, मांगी बाई, गवरा बाई, निर्मोही व्यास, ढूंढ महाराज, जगनाथ चूरा, भोजराज सोलंकी, राजकुमार डफगर, लक्ष्मी नारायण स्वामी, प्रियंका स्वामी को सम्मानित किया जाएगा।