- प्रथम चरण में मुख्य नहर और चार वितरिकाओं के एक लाख हेक्टेयर सिंचित क्षेत्र को लाभ मिलेगा
जयपुरNidarindia.com
अंतिम छोर तक बैठे किसानों तक अब सिंचाई पानी पहुंच सकेगा। इसके लिए सरकार ने कार्य योजना तैयार की है। केन्द्र सरकार ने इसके लिए 695 करोड़ की परियोजना को मंजूरी दे दी है।
जल संसाधन मंत्री सुरेश रावत ने कहा कि गंगनहर प्रणाली में अत्याधुनिक ऑटोमेशन और स्काडा स्थापित किया जाएगा। इसके लिए केंद्र सरकार की और से यह परियोजना स्वीकृत की गई है। रावत ने बताया कि यह कार्य होने से अंतिम छोर तक के किसानों को सिंचाई के लिए पूरा पानी मिलेगा और प्रथम चरण में मुख्य नहर एवं चार वितरिकाओं के एक लाख हेक्टेयर सिंचित क्षेत्र को इसका लाभ मिलेगा। उन्होंने बताया कि गंगनहर प्रणाली में पानी के सदुपयोग के साथ जल प्रबंधन में सुधार, समान जल वितरण, परिचालन और सिंचाई क्षमता में वृद्धि के मद्देनजर ईआरएम परियोजना के राहत गंगनहर फीडर एवं गंगनहर प्रणाली की 4 वितरिकाओं का नवीनीकरण और आधुनिकीकरण का कार्य किया जाना है।
परियोजना का उद्देश्य गंगनहर प्रणाली में 1.09 लाख हेक्टेयर सीसीए के लिए अत्याधुनिक स्काडा आधारित ऑटोमेशन को लागू करना है। परियोजना के तहत गंगनहर प्रणाली की विभिन्न नहरों की सिंचाई क्षमता को 79त्न से बढ़ाकर 86.5 हो जाएगी। रावत ने बताया कि गंगनहर की मुख्य नहर- खखां हैड से डाबला हैड तक गंगकैनाल पर स्थापित सभी 32 क्रॉस रेगुलेटर एवं हेड रेगुलेटर को नए सौर ऊर्जा संचालित ऑटोमैटिक गेटों का नवीनीकरण किया जाएगा। गंगनहर प्रणाली की जेड, बीबी, जीजी और एफ ब्रांच और वितरिकाओं पर आधुनिक क्रॉस रेगुलेटर और इनके सभी चकों के आउटलेट्स पर नए सौर ऊर्जा संचालित ऑटोमैटिक गेट स्थापित जाएंगे।
रावत ने बताया कि जल संसाधन विभाग, भारत सरकार की परियोजना सलाहकार समिति की बैठक शुक्रवार को नई दिल्ली में आयोजित हुई। बैठक की अध्यक्षता केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय की सचिव देवाशीष मुखर्जी ने की। बैठक में केंद्रीय जल आयोग के चेयरमैन खुशविंदर बोहरा भी उपस्थित रहे। सचिव ने राजस्थान की परियोजना को स्वीकार करते हुए निर्देश दिए कि माइक्रो सिंचाई को सिंचित क्षेत्र में बढ़ावा दिया जाए।प्रदेश की ओर से मुख्य अभियंता भुवन भास्कर और हनुमानगढ़ के मुख्य अभियंता अमरजीत मेहरा ने प्रस्तुतीकरण दिया।