बीकानेरNidarindia.com
रीढ़ की हड्डी में दर्द आजकल किसी भी उम्र में हो सकता है। चिकित्सकों की माने तो इसका कोई एक कारण नहीं होकर कई कारण सामने आ सकते है। शनिवार को बीकानेर आए जयपुर के सीके बिरला अस्पताल के डॉ संजीव सिंह ने पत्रकारों से इस संबंध में संवाद किया और अन्य क्षेत्रों से आए लोगों को जागरुक किया।
डॉ.संजीव ने बताया कि शारीरिक सक्रियता की कमी और गलत पोस्चर के कारण स्पाइन कमजोर होने लगती है। इसमें विकृतियां आ जाती हैं। इसके लिए बहुत ध्यान रखने की आवश्यकता है। खासतौर पर नियमित व्यायाम,अच्छा खानपान,तम्बाकू से दूरी,वजन पर नियंत्रण करने पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। तभी हड्यिों व नसों को मजबूत रखा जा सकता है।
डॉ. ने कहा कि स्पाइन डिजीज का उम्र बढऩे के अलावा कई और कारण जैसे गर्दन में चोट लग जाना, लिगामेंट्स कड़े हो जाना, शारीरिक सक्रियता की कमी इस समस्या का मूल कारण होता है। स्पाइन कार्ड कंप्रेस्ड होने पर स्पाइनल माइलोमलासिया की समस्या हो जाती है। इससे दर्द,सांस लेने में परेशानी,मांसपेशियों में कमजोरी महसूस होती है, तंत्रिका तंत्र की कार्यप्रणाली गड़बड़ाना जैसी समस्याएं हो सकती हैं। डॉ.सिंह ने बताया कि इस रोग में सर्जरी की बहुत कम आवश्यकता पड़ती है।
इसका सहारा तभी लिया जाता है, जब रोगी की स्थिति गभीर हो। तत्रिका तत्र को नुकसान पहुंच चुका हो। असाध्य दर्द हो और सभी गैर ऑपरेशन विकल्प विफल हो चुके हों। सीके बिरला हॉस्पीटल में सर्जरी की सुविधा उपलब्ध है। सर्जरी के बाद एक दिन में डिस्चार्ज कर देते है। साथ ही रोबोटिक फिजियो थैरेपी सेन्टर के जरिए जल्द रोगी को तैयार भी कर दिया जाता है। उन्होंने बताया कि सर्जरी में चिरंजीवी को छोड़ शेष सभी प्रकार की योजनाओं का लाभ रोगी को मिलता है। इस मौके पर अस्पताल के मीडिया प्रभारी संजीव भी मौजूद रहे।