रेलवे : ताकि कोहरे में भी नहीं थमे पहिए, मुस्तैद हुआ रेल प्रबंधन, किए पुख्ता प्रबंधन... - Nidar India

रेलवे : ताकि कोहरे में भी नहीं थमे पहिए, मुस्तैद हुआ रेल प्रबंधन, किए पुख्ता प्रबंधन…

बीकानेरNidarindia.com
उत्तर भारत में सर्दी सितम ढाह रही है। घने कोहरे के चलते ट्रेनें प्रभावित हो रही है। इस स्थिति को देखते हुए उत्तर पश्चिमी रेलवे ने विशेष इंतजाम कर लिए है। उत्तर पश्चिम रेलवे के जयपुर और बीकानेर मण्डल के रेलखण्ड पर प्रमुख रूप से कोहरे की अधिकता से प्रभावित रहते है।

इस मार्ग पर ट्रेनों का सुरक्षित संचालन के लिए रेलवे ने विशेष अतिरिक्त प्रबन्ध किए है। इसमें सम्बंधित विभाग इंजीनियरिंग, सिगनल एंव दूरसंचार, विद्युत, यांत्रिक, परिचालन व संरक्षा विभाग की ओर से किसी भी प्रकार की परिस्थिति में संरक्षित रेल संचालन के लिए दिशा निर्देश जारी किए गए हैं।

उत्तर पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी कैप्टन शशि किरण के अनुसार सर्दियों के मौसम में कोहरे की अधिकता के दौरान ट्रेन संचालन में संरक्षा एवं सुरक्षा को देखते उत्तर पश्चिम रेलवे पर विशेष प्रंबध किए गए है। संरक्षित रेल संचालन को सुनिश्चित करने के लिए महाप्रबंधक अमिताभ ने सभी विभागाध्यक्षों को सर्दियों के मौसम में विशेष सतर्कता के साथ कार्य करने के लिए समीक्षा बैठक में भी निर्देशित किया है।

फोग सेफ्टी डिवाइस…

उत्तर पश्चिम रेलवे पर कोहरे की अधिकता वाले रेल मार्गो में चलने वाली सभी ट्रेनों के लोको पायलेट को फोग सेफ्टी डिवाइस उपलब्ध करवाए गए है। पूरे उत्तर पश्चिम रेलवे पर कुल 881 फोग सेफ्टी डिवाईस उपलब्ध है और इन सभी में धुन्ध-कोहरे वाले रेलखण्ड की जीपीएस मैपिंग कर दी गई है। इस रेलवे के जयपुर एवं बीकानेर मण्डल पर प्राय: धुन्ध एवं कोहरे की अधिकता रहती है।

इस कारण इन मण्डलों पर अधिक फोग सेफ्टी डिवाइस का प्रयोग किया जाता है। फोग सेफ्टी डिवाईस को इंजन पर लगा दिया जाता है, यह डिवाईस ऑन होने के बाद जीपीएस प्रणाली से उस खण्ड में स्थित सभी सिग्नलों की दूरी के बारे में लोको पायलेट को पूर्व में ही अवगत कराता रहता है। जिससे लोको पायलेट अपनी गाडी की स्पीड की नियंत्रित कर संरक्षा सुनिश्चित करता है।

कैप्टन शशि किरण के अनुसार इसके अतिरिक्त कोहरे वाले रेलखण्डों में सभी स्तर के कर्मचारियों के लिए सेफ्टी सेमीनार का आयोजन किया जा रहा है और कम तापमान के दौरान रेल,वेल्डिंग फेलियर की पहचान कर उनको रिपेयर किया जा रहा है और फिश प्लेटों का अनुरक्षण, ट्रेक रिन्यूअल जैसे कार्य पूरे किये जा रहे है।

कोहरे वाले रेलखण्ड के स्टेशनों, समपार फाटकों एवं पूर्व चिन्हित जगहों पर डेटोनेटर (पटाखे) की आपूर्ति सुनिश्चित की जा रही है। लोको पायलेट को सिगनल और अन्य संकेतको की दृश्यता ठीक प्रकार से दिखे इसके लिए संकेतको पर पुन: पेटिंग एवं चमकीले साईन बोर्ड तथा संकेतको के पास गिट्टियों को चुने से रंगा गया है। इसके अतिरिक्त ऐसे खण्ड में पेट्रोलिंग की आवृति को बढाकर रेलपथ की निगरानी को बढाया गया है। कोहरे के मौसम में संरक्षा को सुदृढ करने के लिए रेलकर्मियों के विशेष प्रशिक्षण की व्यवस्था, निरीक्षकों, अधिकारियों ने रेलवे स्टॉफ की सजगता को लगातार चैक किया जा रहा है।

कोहरे के मौसम में रेलयात्रियों की संरक्षा एवं सुरक्षा के लिए कटिबद्ध है। कोहरे की अधिकता वाले रेलखण्डों में ट्रेनें देरी से संचालित हो सकती है। ऐसे में यात्रा शुरू करने से पूर्व रेलवे की अधिकृत वेबसाइट पर अपनी ट्रेन की वर्तमान स्थिति देखकर ही सफर करना चाहिए, ताकि असुविधा से बचा जा सके।

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