बीकानेरNidarindia.comदेश भर में कोविड 19 के मामलों में बढ़ोतरी तथा चीन में रहस्यमय श्वसन रोग के मामलों को देखते हुए एहतियात के तौर पर स्वास्थ्य विभाग राजस्थान द्वारा अलर्ट रहने के निर्देश जारी हुए हैं।
आमजन, हाई रिस्क समूह के लोगों और विशेष कर सर्दी, जुकाम, खांसी, श्वसन रोग के रोगियों को “दो गज की दूरी और मास्क सैनिटाइजर है जरूरी” का मूल मंत्र फिर अपनाने की सलाह दी गई है। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह के निर्देशों की पालना में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने कोविड-19 एवं श्वसन रोगों से बचाव एवं नियंत्रण के लिए एडवाइजरी जारी की है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ मोहम्मद अबरार पंवार ने बताया कि सर्दी के मौसम में खांसी, बुखार, जुकाम व गला खराब आदि लक्षणों के रोगियों की संख्या में वृद्धि पायी जाती है लेकिन वर्तमान में केरल, कर्नाटक, महाराष्ट्र, दिल्ली व गोवा राज्यों में कोविड का नया सब वेरियेन्ट जे एन 1 पाया गया है।
राजस्थान में जैसलमेर में दो तथा जयपुर में दो रोगी जिनमें एक झुंझुनूं तथा दूसरा भरतपुर के मूल निवासी हैं, संक्रमित पाये गये हैं। हालांकि विशेषज्ञों की राय अनुसार प्रथम दृष्टया यह अपेक्षाकृत मध्यम संक्रमण प्रतीत होता है। हल्की सर्दी, खांसी, बुखार, जुकाम व गला खराब के रोगी चिकित्सक की सलाह समय पर लेते हैं तो रोग के नियंत्रण पर प्रभावी व तत्काल काबू पाया जा सकता है।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य निदेशालय द्वारा जारी एडवाइजरी के प्रमुख बिन्दु इस प्रकार हैं जिनकी पालना में स्वास्थ्य विभाग कार्य करेगा साथ ही आमजन को भी इसकी सलाह दी जाती है :-
चिकित्सक के परीक्षण उपरान्त आईएलआई (ILI – Influenza-like Illness) रोगियों में सामान्य सर्दी, खांसी, बुखार, जुकाम व गला खराब के लक्षण की स्थिति में होम आईसोलेशन एवं उक्त लक्षणों के गम्भीर या लम्बी अवधि होने की स्थिति में तथा Severe acute respiratory illness (SARI) के संक्रमण पर अस्पताल में भर्ती होने की सलाह दी जाती है।
बच्चे, वृद्धजन, गर्भवती महिलाएं एवं को-मोर्बिडिटी वाले व्यक्तियों यथा डायबिटीज, कैंसर, हृदय रोग व अन्य गंभीर बीमारियों के रोगियों को सर्दी, खांसी, बुखार, जुकाम व गला खराब के लक्षण की स्थिति में सतर्क रहने व विशेष ध्यान रखते हुए तुरन्त चिकित्सक के अनुसार उपचार /कोविड टेस्ट करवाये जाने की सलाह दी जाती है। क्यांेकि उनमें रोग के गम्भीर होने की ज्यादा सम्भावना रहती है।
आईएलआई व SARI के लक्षण होने पर नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र पर चिकित्सक की सलाह अनुसार कोविड-19 की जांच व उपचार समय रहते लिया जाना चाहिए।
आईएलआई के रोगियों जिन्हें सर्दी, खांसी, बुखार, जुकाम व गला खराब की तकलीफ है, उन्हें दूसरे लोगों से दूरी बनानी चाहिए और मास्क का उपयोग करना चाहिए एवं हाथों को आवश्यकतानुसार साबुन से 20 सैकेण्ड तक धोना या सेनेटाईजर का उपयोग करना चाहिए।
आने वाले त्यौहार व नववर्ष पर कोविड एप्रोप्रियेट बिहेवियर की पालना की जानी चाहिए। आमजन में कोविड एप्रोप्रियेट बिहेवियर प्रणाली का उपयोग संक्रमण से बचाव हेतु उपयुक्त प्रक्रिया है।