कलाकारों ने बांधा समां, उमड़ी दर्शनार्थियों की भीड़..
बीकानेरNidarindia.com ‘ब्रज में हो रही जय जयकार नंद घर लाला जायो है…दे गो रस को दान री मस्तानी गुजरिया…मधुबन में जो कन्हैया किसी गोपी से मिले…सरीखे भजनों से बुधवार रात को नगर सेठ लक्ष्मीनाथ मंदिर परिसर गूंज उठा। मौका कृष्ण जन्माष्टमी उत्सव का। इस अवसर पर ‘नंद के आनंद भयो, जय कन्हैयालाल की…भजन संध्या आयोजित की गई।

इसमें मथुरा से आए कलाकारों ने एक से बढक़र एक प्रस्तुतियां देकर समा बांध दिया। ‘श्री गिर्राज ब्रज लोक कला संस्थान’की टीम ने श्री कृष्णा-राधा की भक्ति और प्रेम से ओत-प्रोत गीत, संगीत, नृत्य से कृष्ण की लीलाओं को मंच पर साकार कर दिया। कृष्ण-राधा, गोपियों का स्वरूप धरे कलाकारों ने अपनीे अनुठी प्रस्तुति से ब्रज भूमि का साक्षात्कार कर दिया।
आयोजन में रही भूमिका…
श्री कृष्ण जन्माष्टमी के पावन पर्व पर हुए इस कार्यक्रम में अहम रूप से श्री लक्ष्मीनाथ मंदिर विकास एवं पर्यावरण समिति, नगर निगम, नगर विकास न्यास और राजस्थान संगीत नाटक अकादमी जोधपुर का संयुक्त भागीदारी रही।

समिति के सचिव सीताराम कच्छावा ने बताया कि गोवर्धन (मथुरा) से आए दीपक शर्मा के सान्निध्य में हुई भक्ति संगीत संध्या का शुभारंभ गणेश वंदना, मंगलाचरण से हुआ। इसके बाद ठाकुरजी श्री लक्ष्मीनाथ की आरती और बृजवंदना की गई।
छाई चहुं और खुशी…
कार्यक्रम की पूर्णाहुति पर भगवान श्रीकृष्ण के जन्म की खुशी चहुंऔर छा गई। फिजाओं में ‘नंद घर आनंद भयो जय कन्हैया लाल की, लाला जनम सुन आई,यशोदा भैया दे दो बधाई… के जयकारें गूूंज उठे।
यह हुए शामिल
भक्ति संगीत संध्या में सी.ओ .सिटी हिमांशु शर्मा, शहर भाजपा अध्यक्ष विजय आचार्य,प्रदेश सेवादल उपाध्यक्ष कमल कल्ला,पूर्व शहर भाजपा अध्यक्ष सत्यप्रकाश आचार्य, शहर भाजपा उपाध्यक्ष गोकुल जोशी, कोतवाली थानाधिकारी राजीव रॉयल,कर्मचारी नेता महेश व्यास, अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी सुनील बोडा अतिथि के रूप में शामिल हुए।
समिति के श्रीरतन तंबोली, अशोक जसमतिया, शिवचंद तिवाडी, विनोद महात्मा,महेंद्र सोनी,धीरज जैन, घनश्याम महात्मा,हरी सोनी,मनोज सेवग,शिव प्रकाश सोनी, अनिल सोनी,हनुमन्त आसोपा,बजरंग लाल व्यास,रामप्रसाद मिश्रा,विकास दैया ने अतिथियों का स्वागत किया।
लक्ष्मी नाथ मंदिर के मुख्य पुजारी शंकर लाल सेवग ने बताया की श्री लक्ष्मीनाथ मंदिर परिसर में रात्रि 12:00 कंस का वध किया गया, तत्पश्चात कथा वाचक सोमनारायण व्यास ने भगवान की कथा तथा भगवान की जन्म पत्री का वाचन किया गया।

