चंद्रोदय के बाद करेगी पारना, मनाई धमोळी
बीकानेरNidarindiar.com “आई तीज काजळी माता, सब सखियन सिणगा…आई तीज काजळी माता…रम्मतों में गाई जाने वाली यह पंक्तियां आज साकार हो रही है। मौका है बड़ी तीज (काजळी माता) पर्व का। आज महिलाएं अपनं अखंड़ सुहाग की कामना और परिवार में सुख-समृद्धि की कामना को लेकर दिनभर उपवास रखेगी। रात को चंद्र दर्शन करने के बाद पारना करेंगे। तीज माता का पूजन और कथा करेंगी। उपवास का पारना फलों और सतू के सेवन से करेगी।

इससे पूर्व शुक्रवार को धमोळी पर्व मनाया गया। भादवै का यह महीना मेले-मगरियों के साथ ही महिलाओं के सजने-संवरने, तीज-त्यौंहार मनाने का है। इसी परंपरा को बीकानेर पूरी शिद्दत से निभा रहा है। तीज से पहले जहां बेटियों के घर सजे-धजे सत्तू पहुंचाए गए। वहीं तीज से एक दिन पहले उन्हें जीभर खाने का ऑफर दिया गया।
तीन के मौके पर हर बेटी के घर सातू देने की रस्म का निर्वाह किया गया। कुछ थालियां खास तौर पर सजी दिखती जिनमें चांदी की झंडी (फरी) लगी रहती है। यह उन बेटियों के घर जा रही है जिनकी अभी-अभी शादी या सगाई हुई थी।

भादवा माह मेले-मगरियों की धूम
भादवा माह के मायने ही तीज-त्योहार, मेलों की धूम। इसका आगाज हो चुका है। आने वाले दिनों लोक देवता बाबा रामदेवजी, पूनरासर, सियाणा भैरव, मां आशापुरा, कोड़मदेसर भैरव, तोलियासर, जेठा भुट्टा पीर सहित कई स्थानों पर मेले भरेंगे।

