इंटक नेता किराड़ू ने जताया रोष…

बीकानेरNidarindia.com ऑटो को सरकार ने हल्का वाहन मान रखा है। इसके बावजूद ऑटो चालकों के लाइसेंस रिन्यूअल कराने में मशक्कत करनी पड़ रही है। बीकानेर में परिवहन विभाग की उदासीनता के चलते सैकड़ों ऑटो चालकों के सामने परेशानी खड़ी हो गई है। विभाग उन ऑटो चालकों से कार की ट्रायल लेना चाहता है, जिनको ऑटो के अलावा कोई वाहन चलाना ही नहीं आता। इसको लेकर इंटक के नेता हेमंत किराड़ू ने कड़ा एतराज जताया है।
ऑटो यूनियन इंटक नेता किराड़ू ने इस संबंध में एक पत्र सीएम अशोक गहलोत और परिवहन मंत्री को लिखा है। इसके जरिए रोष जताया गया है कि आरटीओ बीकानेर में ऑटो चालकों की रिन्यूअल स्थाई लाइसेंस में ट्रायल नहीं ली जा रही है जबकि ऑटो चालकों को कार चलानी नहीं आती है। कानून वाहन चालक जो गाड़ी चलता है, उसे ट्रेक पर ट्रायल ली जाए। पत्र में लिखा है ऑटो श्रमिको का रिन्यूअल भी नहीं हो रहा है।

सरकार ने ऑटो को भी हलका वाहन माना है,निजीकरण कंपनी का ठेका निरस्त हो चुका है। आरोप है कि यह सब आरटीओ में बिचौलियों के कारण हो रहा है। इंटक ने बीकानेर आरटीओ से भी पत्र लिख कर मांग की है कि मोटरवाहन अधिनयम से हट कर लाइसेंस में कार्यवाई नहीं होनी चाहिए। पत्र में लिखा है ट्रायल ट्रेक पर यदि चालक दूसरे वाहन से ट्रायल देंगे तो दुघटना की संभावनाएं भी रहेगी। किराड़ू ने कहा है कि देशभर और प्रदेश की राजधानी जयपुर में भी ट्रायल ऑटो से ही ली जाती है, तो फिर बीकानेर में ऑटो से ट्रायल क्यों नहीं ली जा रही है।

